कोच्चि (केरल)
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे खुद को कांग्रेस और वामपंथी दलों के लिए वोट बैंक न बनने दें. उन्होंने कहा कि जब किसी समुदाय को सिर्फ वोट बैंक समझा जाता है, तो उनके साथ वस्तु की तरह व्यवहार किया जाता है.
कोच्चि में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रिजिजू ने कहा, "मैं कांग्रेस और यूडीएफ से भी संसद में अपील कर चुका हूं कि वे वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करें और इसे वोट बैंक की राजनीति से न जोड़ें. किसी भी समुदाय को वोट बैंक की नजर से देखना गलत है."
उन्होंने आगे कहा, "मैं अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों से आग्रह करता हूं कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों का वोट बैंक न बनें. जब आप वोट बैंक बन जाते हैं, तो आपके साथ इंसानों की तरह नहीं, बल्कि सिर्फ इस्तेमाल करने वाली चीज की तरह व्यवहार किया जाता है। यह देश और समाज दोनों के लिए हानिकारक है."
वक्फ संशोधन विधेयक पर सफाई
रिजिजू ने कहा कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन किसी खास समुदाय के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इन संशोधनों का उद्देश्य पूर्व की गलतियों को सुधारना और जमीन पर वास्तविक मालिकों के अधिकारों की रक्षा करना है.उन्होंने कहा, "हमने यह संशोधन इसलिए किया है क्योंकि पहले वक्फ बोर्ड को जमीन पर अभूतपूर्व अधिकार दिए गए थे.
आज ज़मीन सबसे कीमती संपत्ति है. यदि कोई अपनी जमीन खो देता है, तो वह सब कुछ खो देता है. अब कोई भी अधिकारी बिना उचित प्रक्रिया के किसी की जमीन जबरन नहीं ले सकता."
मुनंबम मामला – उदाहरण के तौर पर
रिजिजू ने केरल के मुनंबम क्षेत्र की घटना का जिक्र किया, जहां 600 मछुआरे परिवारों ने वर्षों से जमीन के लिए कर चुकाया, लेकिन केरल वक्फ बोर्ड ने अचानक 404 एकड़ भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया.उन्होंने कहा, "जब मुझे इस मामले की जानकारी मिली, तो मैं बहुत दुखी हुआ.
लोगों को उनके हक से वंचित किया गया. इसी तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मोदी सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन का निर्णय लिया. अब कोई भी जमीन मनमाने ढंग से वक्फ घोषित नहीं की जा सकेगी."
वक्फ (संशोधन) विधेयक बन चुका है कानून
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2 और 3 अप्रैल को लोकसभा और राज्यसभा में पारित हुआ और 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन गया.रिजिजू ने अंत में कहा, "हमारा उद्देश्य किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि हर नागरिक को न्याय दिलाना है. वक्फ संपत्तियों के नाम पर जो गलत इस्तेमाल हो रहा था, उसे रोकना जरूरी था."यह बयान ऐसे समय में आया है जब देशभर में वक्फ संपत्तियों को लेकर विवाद और चर्चा दोनों तेज़ हो गई है.