महाकुंभ में भगदड़ से 30 श्रद्धालुओं की मौत, जमात-ए-इस्लामी हिंद ने जताया दुख

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 30-01-2025
30 devotees died in stampede in Maha Kumbh, Jamaat-e-Islami Hind expressed grief
30 devotees died in stampede in Maha Kumbh, Jamaat-e-Islami Hind expressed grief

 

आवाज द वाॅयस/प्रयागराज

 महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के अवसर पर भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हृदयविदारक घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.

इस दुखद घटना पर जमात-ए-इस्लामी हिंद ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाया. संगठन के प्रमुख ने कहा,"प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ की यह घटना अत्यंत हृदयविदारक है.

इस हादसे में कई निर्दोष श्रद्धालुओं की जान चली गई, जिससे हम गहरे दुख में हैं. हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि वे इस कठिन समय में धैर्य और शक्ति प्राप्त करें."

उन्होंने आगे कहा कि इस त्रासदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि ऐसे विशाल धार्मिक आयोजनों के लिए कुशल भीड़ प्रबंधन और सावधानीपूर्वक योजना की जरूरत है. तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि वे इस हादसे की पूरी जिम्मेदारी लें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं.

 न्यायिक जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार के आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि प्रशासन इस घटना की पूरी तरह से जांच करेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने न्यायिक जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की, जिसमें न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डीके सिंह शामिल होंगे.

मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक बयान में कहा,"महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है. हम मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं. न्यायिक जांच समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.."

घटना के कारण और पीड़ितों की पहचान

डीआईजी वैभव कृष्ण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हादसे में मृत 30 श्रद्धालुओं में से 25 की पहचान कर ली गई है. मृतकों में चार कर्नाटक, एक असम और एक गुजरात के हैं। 36 घायलों का स्थानीय मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. प्रशासन के अनुसार, भारी भीड़ और बैरिकेड्स टूटने की वजह से भगदड़ मची, जिससे यह हादसा हुआ.

राजनेताओं और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रियाएँ

इस घटना पर विभिन्न राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा,"महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु आ रहे हैं, और इतनी बड़ी भीड़ को संभालना प्रशासन के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. फिर भी, प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए विशेष प्रबंधन करना चाहिए था। हम मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और असम के मृत श्रद्धालु के पार्थिव शरीर को वापस लाने के लिए यूपी सरकार से संपर्क में हैं."

योग गुरु बाबा रामदेव ने भी हादसे पर दुख प्रकट करते हुए महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं से संयम बरतने और आत्म-अनुशासन का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा,"धर्म का पहला लक्षण धैर्य है। अगर संगम में स्नान करने का अवसर नहीं मिलता, तो जहां जगह मिले, वहीं स्नान करें। मैं दिवंगत श्रद्धालुओं की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ."

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने भी हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और प्रशासन से इस त्रासदी के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की.

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

इस बीच, उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम में 57.1 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई. एक महीने तक आध्यात्मिक तपस्या करने वाले कल्पवासियों की संख्या 10 लाख से अधिक हो गई, जिससे महाकुंभ का आध्यात्मिक उत्साह चरम पर पहुंच गया.

माघ मेले में अब तक 199.4 मिलियन से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। प्रमुख स्नान घाटों पर भारी भीड़ के कारण कई जगहों पर भगदड़ जैसी स्थिति बनी रही. प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और स्वयंसेवकों को तैनात किया था, लेकिन हादसे को रोकने में वे विफल रहे.

भविष्य में सुरक्षा सुधार की मांग

इस घटना ने महाकुंभ जैसे विशाल आयोजनों के दौरान सुरक्षा इंतजामों की कमियों को उजागर किया है. धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि भीड़ प्रबंधन के लिए नए तकनीकी उपाय अपनाए जाएं और वीआईपी संस्कृति पर पुनर्विचार किया जाए ताकि आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ एक दर्दनाक त्रासदी है, जिसने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जमात-ए-इस्लामी हिंद सहित कई संगठनों ने प्रशासन से इस घटना की जवाबदेही सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है.

अब यह देखना होगा कि न्यायिक जांच रिपोर्ट क्या निष्कर्ष देती है और प्रशासन इस त्रासदी से सबक लेकर भविष्य में किस तरह की व्यवस्था करता है ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रह सकें.