आवाज-द वॉयस / पुणे
महायुती ने मानखुर्द-शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के लिए छोड़ा था, जिसके तहत पार्टी ने अपने नेता और पूर्व मंत्री नवाब मलिक को उम्मीदवार बनाकर यह सीट हासिल करने का प्रयास किया. नामांकन भरने के अंतिम दिन बीजेपी ने मलिक की उम्मीदवारी का विरोध किया, जिससे मुकाबला और रोचक हो गया. हालांकि, नवाब मलिक ने बीजेपी के विरोध की परवाह न करते हुए पार्टी के समर्थन से अपना नामांकन दाखिल किया.
शिवसेना ठाकरे गुट ने इस सीट पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी को समर्थन दिया है. मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में दोनों ही उम्मीदवार हाइप्रोफाइल मुस्लिम नेता हैं. इसलिए अब सभी की नजरें इस पर टिकी हुई हैं कि किसके पक्ष में जनसमर्थन जाएगा.
अजित पवार की राष्ट्रवादी पार्टी ने अंतिम समय में एबी फॉर्म देकर नवाब मलिक का नामांकन दाखिल करवाया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मलिक ने कहा, ‘‘मैं निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल करने की तैयारी कर चुका था, लेकिन दोपहर 2 बजकर 55 मिनट पर पार्टी का आधिकारिक एबी फॉर्म आ गया. अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने मुझ पर विश्वास जताया है.’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस क्षेत्र में दहशत, गंदगी और ड्रग्स का साम्राज्य है. स्वास्थ्य समस्याओं और बाल मृत्यु दर भी उच्च है. विकास के लिए यहां बहुत संभावनाएं हैं. यहां कोई और चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं दिखा सकता था. शाहू-फुले-अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाते हुए मुझे जनता के विश्वास पर पूरा भरोसा है कि मैं विजयी रहूंगा.’’
बीजेपी नवाब मलिक का प्रचार नहीं करेगी: शेलार
मंगलवार (29 तारीख) को बीजेपी मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने फिर दोहराया कि बीजेपी मानखुर्द-शिवाजीनगर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नवाब मलिक का प्रचार नहीं करेगी. इससे महायुती में विवाद भड़कने की संभावना है. शेलार ने कहा, ‘‘मुद्दा केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा नवाब मलिक को दी गई उम्मीदवारी का है. इस संबंध में हमारी स्थिति उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मैंने पहले ही स्पष्ट कर दी है.’’
बीजेपी के इस रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए नवाब मलिक ने कहा, ‘‘यह एक राजनीतिक गठबंधन है, वैचारिक नहीं. दादा (अजित पवार) कठिन समय में मेरे और मेरे परिवार के साथ खड़े रहे, इसलिए मैं दादा के साथ हूँ. मैं अन्य लोगों की बातों को नजरअंदाज करता हूँ.’’
नवाब मलिक की उम्मीदवारी और बीजेपी के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा, ‘‘नवाब मलिक पर अलग-अलग आरोप लगे हैं. महाराष्ट्र में कई लोगों पर आरोप हैं, मुझ पर भी आरोप लगे हैं. किसी व्यक्ति के आगे बढ़ने पर उसे बदनाम करने का प्रयास होता है. जब राजीव गांधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने थे, तब भी ऐसे प्रयास हुए थे. गोबेल्स नीति का बार-बार इस्तेमाल कर जनता की राय बदली जा सकती है. लेकिन महज आरोप अलग बात है और आरोप सिद्ध होना अलग बात. हमारा मानना है कि नवाब मलिक पर लगाए गए आरोपों में सच्चाई नहीं है.’’
दिलचस्प मुकाबला
अबू आजमी और नवाब मलिक जैसे दिग्गज मुस्लिम नेताओं के आमने-सामने आने से मानखुर्द-शिवाजीनगर सीट पर पूरे राज्य का ध्यान केंद्रित हो गया है. एक ओर लगातार तीन चुनाव जीतने वाले अबू आजमी हैं, तो दूसरी ओर भ्रष्टाचार और अंडरवर्ल्ड से संबंधों के आरोपों का सामना कर रहे नवाब मलिक हैं, जो बीजेपी के समर्थन के बिना नए क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए खड़े हैं. यह मुकाबला निश्चित ही बहुत ही दिलचस्प होने वाला है.