यह इस मुल्क की खूबसूरती है कि यहां पर सभी धर्मों के लोग अपनी परंपराओं और त्योहारों को आपस में सम्मान के साथ मनाते हैं." उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि भारत की यह विशेषता है कि यहाँ हर धर्म के लोग अपने त्योहारों को शांति और सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाने का प्रयास करते हैं.
दारुल उलूम देवबंद की अपील
मौलाना ने आगे कहा कि देशभर में स्थित दारुल उलूम देवबंद, जो कि इस्लामिक शिक्षाओं का एक प्रमुख संस्थान है, ने भी मुसलमानों से यह अपील की है कि वे होली के दिन संयम और शांति बनाए रखें. दारुल उलूम ने मुसलमानों से कहा है कि वे अपने आसपास के माहौल को शांतिपूर्ण रखें और किसी भी विवाद से बचें.
उन्होंने विशेष रूप से यह आग्रह किया कि मुसलमान होली के दिन अपनी नजदीकी मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा करें. इस दौरान वे अपनी रोज़मर्रा की धार्मिक गतिविधियों को पूरी तरह से शांति और धैर्य के साथ करें. इसके बाद वे अपने घरों में रहकर इबादत करें और किसी भी तरह की अनावश्यक गतिविधि में भाग लेने से बचें। मौलाना गोरा ने कहा कि समाज में अमन और शांति बनाए रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि मुसलमान एक जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करें.
समाज में शांति बनाए रखने की आवश्यकता
मौलाना गोरा ने यह भी कहा कि मुसलमानों को अपनी शिक्षाओं और आचरण के जरिए इस्लामी तालीम का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमें अपने अखलाक और आमाल से दूसरों को यह दिखाना चाहिए कि इस्लाम एक शांति का धर्म है और हम सभी को साथ मिलकर समाज में भाईचारा बनाए रखना चाहिए."
इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोर दिया कि मुसलमानों को अपने दीन और आमाल (धार्मिक कार्य) पर पूरी ईमानदारी से अमल करना चाहिए ताकि समाज में शांति और सौहार्द बना रहे.
गैरजरूरी गतिविधियों से बचने की अपील
मौलाना ने अपनी बातों में यह भी कहा कि मुसलमानों को किसी भी प्रकार की गैरजरूरी गतिविधि में भाग नहीं लेना चाहिए. वे किसी भी स्थिति में किसी विवाद का हिस्सा न बनें और न ही किसी गलतफहमी या तनाव को बढ़ावा दें. उन्होंने खासतौर से होली के दिन कुछ जगहों पर होने वाली गहमागहमी और अनावश्यक भिड़ंतों से बचने की अपील की.
भाईचारे और अमन के प्रतीक के रूप में मुसलमानों की भूमिका
मौलाना गोरा ने कहा कि मुसलमानों का यह कर्तव्य है कि वे अपने आचरण से समाज में भाईचारा और अमन का माहौल बनाए रखें. उनका यह भी मानना है कि इस्लाम ने हमें संयम, सहनशीलता और शांति के साथ रहने का संदेश दिया है, और इसे हमें अपने जीवन में पूरी तरह से लागू करना चाहिए.
कुल मिलाकर, मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मुसलमानों से यह अपील की है कि वे होली के दिन संयम बनाए रखें, नजदीकी मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा करें और किसी भी प्रकार के विवाद से बचें. उन्होंने यह भी कहा कि यह समय समाज में शांति और सद्भावना को बढ़ावा देने का है, और मुसलमानों को अपने आचरण और व्यवहार से इस्लामी तालीम का आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए.