नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई और क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में AQI 330 से अधिक दर्ज किया गया. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के गुरुवार सुबह 7:00 बजे के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में AQI (392), अशोक विहार (350), IGI एयरपोर्ट T3 (334), ITO दिल्ली (324), आरके पुरम (359), ओखला फेज-2 (322), अशोक विहार (350) और द्वारका-सेक्टर 8 (348) दर्ज किया गया, जो सभी बहुत खराब श्रेणी में आते हैं.
0-50 के बीच का AQI अच्छा माना जाता है. 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 401-500 गंभीर माना जाता है.भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दिन का पूर्वानुमान अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 33 डिग्री सेल्सियस और 19 डिग्री सेल्सियस दर्शाता है.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 24 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हवाएँ उत्तर-पश्चिम दिशा में चल रही हैं, जिससे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है.
गोपाल राय ने कहा, "मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, हवाएं अब उत्तर-पश्चिम दिशा में चल रही हैं. हरियाणा और पंजाब से पराली जलाने का असर दिल्ली में अधिक देखने को मिलेगा. प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए हमने अपने सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा है.
तीसरी बार केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर बैठक बुलाने का आग्रह करने जा रहा हूं. प्रदूषण के संकट को दूर करने के लिए कृत्रिम बारिश को लेकर आईआईटी कानपुर द्वारा किए गए शोध को आगे बढ़ाया जाना चाहिए. सभी औपचारिकताएं पूरी की जानी चाहिए. पड़ोसी राज्यों के परिवहन मंत्रियों को भी पत्र लिखा है कि जब तक मौसम अनुकूल न हो, तब तक दिल्ली में डीजल वाहन न भेजें."
विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि, वायु प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान "अच्छी तरह से स्थापित" है, लेकिन यह पूरे वर्ष में राष्ट्रीय राजधानी में कुल वायु प्रदूषण का केवल 6-8 प्रतिशत है. आईआईटी दिल्ली के वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर साग्निक डे ने भी बताया कि प्रदूषण की आग के संपर्क में आने वाले बच्चों में विकास संबंधी विफलता का खतरा अधिक होता है.