दिल्ली: हिजबुल आतंकवादी जावेद अहमद मट्टू सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 05-01-2024
 Javed Ahmed Mattu
Javed Ahmed Mattu

 

नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में 11 आतंकी हमलों के आरोपी हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी जावेद अहमद मट्टू को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अन्य एजेंसियों के सहयोग से गुरुवार को 'ए++ श्रेणी' के आतंकवादी को गिरफ्तार किया, जिस पर जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों में शामिल होने के लिए 10 लाख रुपये का इनाम था.

दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक आवेदन पर, पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट नबीला वली ने मट्टू (32) को एक सप्ताह के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर का रहने वाला मट्टू उर्फ इरसाद अहमद मल्ला उर्फ एहसान कथित तौर पर कश्मीर घाटी में पांच ग्रेनेड हमलों में शामिल था.

जम्मू-कश्मीर में 11 ज्ञात आतंकवादी हमलों के सिलसिले में वांछित मट्टू पिछले 13 वर्षों से गिरफ्तारी से बच रहा है. विशेष पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) एच.जी.एस. के अनुसार. धालीवाल की गिरफ्तारी केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वित प्रयासों से संभव हो सकी. धालीवाल ने कहा, "एक गुप्त सूचना से पता चला कि मट्टू हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने के लिए एनसीआर में आएगा."

गुरुवार को, यह पता चला कि मट्टू पाकिस्तान की आईएसआई के इशारे पर हथियार हासिल करने के लिए दिल्ली में है, और जम्मू-कश्मीर और अन्य स्थानों पर आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बना रहा है.

बाद में एक पुलिस टीम ने मट्टू को निज़ामुद्दीन इलाके से पकड़ लिया और उसके कब्जे से एक 9 मिमी पिस्तौल, छह जिंदा कारतूस, एक मैगजीन और एक चोरी की सैंट्रो कार जब्त की.उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.

स्पेशल सीपी ने कहा कि मट्टू हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े सात आतंकवादियों के कुख्यात गिरोह का हिस्सा था, जो मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर, खासकर सोपोर में सक्रिय था. पुलिस अधिकारी ने कहा कि मट्टू का पाकिस्तान स्थित हैंडलर हथियारों और गोला-बारूद की डिलीवरी का समन्वय करेगा और मट्टू जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम देगा.

अधिकारी ने कहा, "वह जम्मू-कश्मीर का एकमात्र जीवित ए++ श्रेणी का आतंकवादी है. वह पहले आईएसआई के निर्देश पर नेपाल भागने के बाद छिप गया था. जम्मू-कश्मीर पुलिस सक्रिय रूप से उसका पीछा कर रही थी."

स्पेशल सीपी ने यह भी खुलासा किया कि मट्टू को एक दशक पहले एक मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने गोली मार दी थी, जिसके परिणामस्वरूप उसके पैर में गोली लगी थी. पुलिस अधिकारी ने कहा, "इससे सुरक्षा बलों के खिलाफ हमलों में सीधे तौर पर शामिल होने की उसकी क्षमता प्रभावित हुई है, जैसा कि वह घटना से पहले करता था."

मट्टू के अन्य छह सहयोगियों की पहचान अब्दुल माजिद जारगर (वर्तमान में पाकिस्तान में), अब्दुल कय्यूम नज़र (सुरक्षा बलों के साथ झड़प में मारा गया), तारिक अहमद लोन (कथित तौर पर गिरफ्तारी से बचने की कोशिश के दौरान डूब गया), इम्तियाज कुंडू (पाकिस्तान भाग गए) के रूप में की गई है. 2015-16), मेहराज हलवाई (सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया), और वसीम गुरु (सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया) हैं. 

 

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