नई दिल्ली. हिंदू और सिख संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रविवारको नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग के सामने जबरदस्त प्रदर्शन किया. यह विरोध प्रदर्शन कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक हिंदू मंदिर पर हमले के बाद हुआ, जिसमें खालिस्तान समर्थक एक समूह ने मंदिर के बाहर तोड़फोड़ की और विरोध प्रदर्शन किया.
घटना के बाद, दिल्ली के चाणक्यपुरी में कनाडाई मिशन के सामने सुरक्षा बढ़ा दी गई. दिल्ली पुलिस ने बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया और कई स्तरों पर बैरिकेड लगाए. हिंदू सिख ग्लोबल फोरम के प्रदर्शनकारी कनाडाई उच्चायोग की ओर मार्च कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की.
प्रदर्शनकारियों ने ‘हिंदू और सिख एक हैं’ और ‘भारत अपने मंदिरों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा’ जैसे नारे लगाए. यह प्रदर्शन ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर हुई घटनाओं के विरोध में आयोजित किया गया था. 4 नवंबर को वहां कॉन्सुलर कैंप के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे जानबूझकर किया गया हमला और भारतीय राजनयिकों को डराने की कायरतापूर्ण कोशिश बताया. ब्रैम्पटन में हुई इस घटना के बाद भी वहां के हिंदू सिख समुदाय में काफी गुस्सा है और भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. इसके अलावा मिसिसॉगा में भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला.
खालिस्तान के पक्ष में एक रैली में भाग लेने और भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में कनाडाई पुलिस अधिकारी हरिंदर सोही को निलंबित कर दिया गया है. कनाडाई अधिकारियों ने इस हिंसक घटना से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक गिरफ्तारी में इंद्रजीत घोषाल का नाम भी शामिल है, जो सिख फॉर जस्टिस के अहम कार्यकर्ता माने जाते हैं. संगठन भारत में प्रतिबंधित है और घोषाल पर हथियार से हमला करने का आरोप लगाया गया है.