दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अमानतुल्लाह खान की याचिका पर ईडी को नोटिस किया जारी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 19-09-2024
दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अमानतुल्लाह खान की याचिका पर ईडी को नोटिस किया जारी
दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अमानतुल्लाह खान की याचिका पर ईडी को नोटिस किया जारी

 

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें कथित दिल्ली वक्फ बोर्ड घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है.

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने संघीय धन शोधन निरोधक एजेंसी से खान की याचिका पर दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को तय की.

ईडी द्वारा खान की याचिका की स्थिरता का इस आधार पर विरोध करने के बाद कि वह उसी आधार पर अपनी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के तथ्य का खुलासा करने में विफल रहे, न्यायमूर्ति कृष्णा ने कहा कि स्थिरता का प्रश्न खुला रहेगा.

पिछले सप्ताह यहां की एक अदालत ने खान को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जब ईडी ने कहा था कि गवाहों को प्रभावित करने या चल रही जांच में बाधा डालने से रोकने के लिए उनकी हिरासत आवश्यक है.

इससे पहले, कथित घोटाले में मुख्य आरोपी खान सात दिन की ईडी हिरासत में रहा, जो 9 सितंबर को समाप्त हो गई. खान को 2 सितंबर को ईडी ने उनके आवास पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था.

छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की गई, जिसमें दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा प्रदान कर रहे थे. खान को इसी मामले के सिलसिले में अप्रैल में ईडी ने गिरफ्तार किया था, लेकिन दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. खान के खिलाफ ईडी की शिकायत दिल्ली वक्फ बोर्ड में अवैध कर्मचारियों की भर्ती और उसके बाद अपने सहयोगियों के नाम पर संपत्ति खरीदने के लिए धन के दुरुपयोग के आरोपों पर केंद्रित है. मामला नवंबर 2016 का है, जब खान के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी, जो उस समय वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे. शिकायत में उन पर बोर्ड के भीतर विभिन्न स्वीकृत और गैर-स्वीकृत पदों पर अवैध नियुक्तियां करने का आरोप लगाया गया था.

सीबीआई जांच के बाद, यह पता चला कि खान ने अपने करीबी सहयोगियों की नियुक्ति के लिए जानबूझकर नियमों की अनदेखी की थी. सीबीआई ने एक मामला दर्ज किया, जिसे बाद में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के लिए अपने हाथ में ले लिया.

 

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