नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार, 29जनवरी को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के ओखला उम्मीदवार शिफा उर रहमान को आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने और प्रचार करने के लिए पांच दिन की हिरासत पैरोल दी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी, जो रहमान की चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, ने सुरक्षा व्यय के रूप में 2.07लाख रुपये जमा करने पर 30जनवरी से 3फरवरी तक प्रतिदिन 12घंटे के लिए उनकी रिहाई का निर्देश दिया.
अदालत ने कहा, “हालांकि मौजूदा मामला और वह मामला जिसमें सह-आरोपी मोहम्मद ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिरासत में पैरोल दी गई है, पूरी तरह से अलग हैं, फिर भी जब सुप्रीम कोर्ट ने सह-आरोपी की अंतरिम जमानत को अस्वीकार कर दिया है और उसे केवल हिरासत में पैरोल दी है, तो इस अदालत को भी उसी का पालन करना चाहिए.”
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ओखला निर्वाचन क्षेत्र के लिए शिफा उर रहमान को अपना उम्मीदवार घोषित किया. शिफा उर रहमान अप्रैल 2020से उसी वर्ष हुए कुख्यात पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के सिलसिले में जेल में हैं. दंगों में 45लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर मुसलमान थे और 700से अधिक लोग विस्थापित हुए.
दिल्ली पुलिस ने रहमान पर दंगों के पीछे “बड़ी साजिश” के “मास्टरमाइंड” होने के आरोप में कठोर यूएपीए (गैरकानूनी अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया है. गिरफ्तारी के समय वह जामिया मिलिया इस्लामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष थे.