नई दिल्ली
दिल्ली की वायु गुणवत्ता तेजी से खराब हो रही है और शुक्रवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 293 रहा.
राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में AQI 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे स्वास्थ्य को काफी खतरा है. खतरनाक हवा के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शुक्रवार सुबह 9 बजे तक दिल्ली का औसत AQI 293 रहा. इस बीच, आसपास के एनसीआर क्षेत्रों में, फरीदाबाद में AQI 194, गुरुग्राम में 196, गाजियाबाद में 247, ग्रेटर नोएडा में 296 और नोएडा में 242 दर्ज किया गया.
दिल्ली के कई हिस्सों में AQI का स्तर 300 से 400 के बीच है, जो गंभीर प्रदूषण का संकेत है. उल्लेखनीय क्षेत्रों में वजीरपुर (379), विवेक विहार (327), शादीपुर (337), रोहिणी (362), पंजाबी बाग (312), पटपड़गंज (344), नरेला (312), मुंडका (375), जहांगीरपुरी (354), द्वारका सेक्टर 8 (324), बवाना (339), आनंद विहार (342) और अलीपुर (307) शामिल हैं.
दिल्ली निवासी राहुल ने अपनी चिंता साझा करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. उन्होंने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि हर साल सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती है. उन्हें सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और गले में खराश का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें बाहर निकलते समय मास्क पहनना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा, "प्रदूषण के कारण सांस लेना बेहद मुश्किल हो गया है."
बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने GRAP-1 लागू किया है. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद बताया गया कि धूल प्रदूषण की जांच के लिए 99 टीमें निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी. पीडब्ल्यूडी की 200, एमसीडी की 30, एनसीआरटीसी की 14 और डीएमआरसी की 80 एंटी स्मॉग गन भी तैनात की जाएंगी. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे पटाखे न जलाएं और अगर कहीं भी प्रदूषण फैलाने वाली कोई गतिविधि होती है तो ग्रीन दिल्ली ऐप पर इसकी सूचना दें.