दिल्ली: वायु प्रदूषण पर कैग की रिपोर्ट में डेटा की कमी और विसंगति की ओर इशारा किया गया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 01-04-2025
Delhi: CAG report on air pollution points to data shortage, discrepancy
Delhi: CAG report on air pollution points to data shortage, discrepancy

 

नई दिल्ली
 
दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा प्रदूषण पर पेश की गई कैग रिपोर्ट में प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणन प्रणाली में विसंगतियों, वाहनों के उत्सर्जन भार पर डेटा की कमी और सार्वजनिक परिवहन बसों की कमी को शहर की जहरीली हवा के प्रमुख कारणों के रूप में चिह्नित किया गया.
 
31 मार्च, 2021 को समाप्त वर्ष के लिए 'दिल्ली में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम और शमन के निष्पादन लेखापरीक्षा' पर भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को सीएम गुप्ता ने सदन के पटल पर रखा, जिससे वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए पिछली आप सरकार के विफल प्रयासों पर चर्चा का मार्ग प्रशस्त हुआ.
 
विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा उठाए गए प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक वायु प्रदूषण था, जिसमें स्वच्छ वायु गुणवत्ता का वादा किया गया था और पिछली अरविंद केजरीवाल सरकार पर इस मुद्दे की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया था.
 
सीएजी रिपोर्ट में राज्य सरकार द्वारा वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करने के प्रयासों में विभिन्न कमियों की ओर इशारा किया गया है, जैसे कि दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले वाहनों के प्रकार और संख्या तथा उनके उत्सर्जन भार के आकलन के बारे में जानकारी का अभाव.
 
सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (सीएएक्यूएमएस) द्वारा उत्पन्न आंकड़ों में अशुद्धियों की ओर इशारा करने के अलावा, सीएजी रिपोर्ट ने सार्वजनिक परिवहन बसों की कमी और निजी वाहनों के उपयोग को कम करने के लिए अंतिम मील कनेक्टिविटी के विकल्पों की भी ओर इशारा किया है.
 
सीएजी रिपोर्ट ने पिछली सरकार पर ‘मोनोरेल और लाइट रेल ट्रांजिट’ तथा ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रॉली बसों’ जैसे कम प्रदूषणकारी विकल्पों को लागू न करने का भी आरोप लगाया है.
 
रिपोर्ट के निष्कर्ष इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पिछले पांच वर्षों में 2,137 दिनों में से 1,195 दिनों (56 प्रतिशत) के लिए दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, जिसका मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
 
दिल्ली की वायु गुणवत्ता परिवहन, आवासीय, विलायक, बिजली संयंत्र और सड़क की धूल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली गतिविधियों से प्रभावित होती है. सीएजी रिपोर्ट में परिवहन क्षेत्र द्वारा होने वाले प्रदूषण को शामिल किया गया है - केवल वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को.
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि वाहनों से होने वाला उत्सर्जन प्रदूषण का प्रमुख स्रोत है, जिसकी उत्पत्ति दिल्ली में हुई है और इसलिए इसे दिल्ली सरकार द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है.