नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने स्थिति की जानकारी दी है। सूत्रों के अनुसार, दोनों शीर्ष सैन्य अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं और स्थानीय सुरक्षा बलों के साथ मिलकर हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए तलाशी और नष्ट करने का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अतिरिक्त सैनिकों को भी तैनात किया गया है। हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों की खोज के लिए सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बैसरन क्षेत्र में संयुक्त ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
इस हमले में भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। भारतीय नौसेना ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और समस्त नौसेना परिवार लेफ्टिनेंट नरवाल की शहादत से स्तब्ध और शोकाकुल हैं। हम उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और अन्य पीड़ितों के साथ एकजुटता में खड़े हैं।"
इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले को लेकर गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि "यह कायरतापूर्ण और अत्यंत निंदनीय कृत्य है। मेरी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।" उन्होंने कहा कि इस जघन्य हमले को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा।
एयरो-इंजन विकास सरकार की शीर्ष प्राथमिकता
रक्षा मंत्री ने बुधवार को वायुसेना सभागार, सुब्रतो पार्क में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वायुसेना की जरूरतों को देखते हुए एयरो-इंजन का स्वदेशी विकास सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि इस इंजन को सह-विकास और सह-उत्पादन के मॉडल पर, पूर्ण बौद्धिक संपदा अधिकारों के साथ देश में ही विकसित किया जाएगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि बदलते वैश्विक भू-रणनीतिक समीकरण भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर पहले से कहीं अधिक प्रभाव डाल रहे हैं, और देश को इसके लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा, "आज की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हम इन अस्थिरताओं से निपटने के लिए कितने तैयार हैं।"
मंत्री ने भारत के पहले मार्शल ऑफ एयर फोर्स अर्जन सिंह को याद करते हुए उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व की सराहना की, खासतौर से 1965 के भारत-पाक युद्ध में उनकी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अर्जन सिंह जैसे सैन्य नेता ही आज भारतीय वायुसेना को विश्व की सबसे सक्षम वायु सेनाओं में से एक बनाते हैं।
‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर अग्रसर वायुसेना
राजनाथ सिंह ने ‘तेजस’ लड़ाकू विमान, ‘ध्रुव’ हेलीकॉप्टर, ‘प्रचंड’ अटैक हेलीकॉप्टर, ‘आकाश’ मिसाइल और ‘ब्रह्मोस’ जैसे रक्षा उपकरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की तकनीकी क्षमता के बेहतरीन उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि "अगर हमारी वायुसेना तकनीकी रूप से अत्याधुनिक और स्वदेशी हथियारों से लैस होगी, तभी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ बनाया जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है, क्योंकि आयात-आधारित सुरक्षा दीर्घकालीन समाधान नहीं हो सकती।
राजनाथ सिंह के इस व्यापक बयान को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और भविष्य की सैन्य तैयारी के दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।