नई दिल्ली. सीटीआई द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, चौंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के जवाब में ‘बांग्लादेशी सामान, भारत छोड़ो’ नामक अभियान की घोषणा की है. यह अभियान अगले सप्ताह दिल्ली के कश्मीरी गेट मार्केट से शुरू होगा और शहर भर के 100 से अधिक बाजारों में फैलेगा. इसके अतिरिक्त, सीटीआई ने एक और अभियान ‘बांग्लादेशी रोहिंग्या, दिल्ली छोड़ो’ शुरू करने की योजना बनाई है.
कश्मीरी गेट स्थित एशिया और भारत के सबसे बड़े ऑटो पार्ट्स मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय नारंग ने कहा कि बांग्लादेश के साथ सभी व्यापारिक लेन-देन एक महीने के लिए निलंबित कर दिए गए हैं.
दिल्ली में व्यापारियों के शीर्ष संगठन सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल के साथ मिलकर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर व्यापारी समुदाय के गुस्से का इजहार किया. सीटीआई ने भारत सरकार से इन अत्याचारों को रोकने के लिए बांग्लादेशी सरकार पर दबाव बनाने के लिए आर्थिक उपाय लागू करने का आह्वान किया है. संगठन ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर हमले जारी रहे, तो दिल्ली और भारत भर के व्यापारी बांग्लादेश के साथ सभी तरह का व्यापार बंद कर देंगे.
2023-24 में भारत और बांग्लादेश ने 1.18 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार किया, जिसमें भारत ने बांग्लादेश को 13.8 अरब रुपये मूल्य का सामान निर्यात किया. इसके बावजूद सीटीआई ने एक महीने के लिए बांग्लादेश के साथ सभी तरह के व्यापार को निलंबित करने का फैसला किया है.
बृजेश गोयल ने इस कदम की तुलना भारत द्वारा चीन के आर्थिक बहिष्कार से की, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि इससे सीमा विवादों का संतोषजनक समाधान हुआ है. उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों को समाप्त करने के लिए बांग्लादेश पर इसी तरह के आर्थिक दबाव के महत्व पर जोर दिया.