नीमच (मध्य प्रदेश)
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के नीमच में अपना 86वां स्थापना दिवस मनाया. इस अवसर पर सीआरपीएफ जवानों ने परेड के दौरान मॉक ड्रिल की और अपनी उच्चतम स्तर की ट्रेनिंग और कौशल का प्रदर्शन किया.
सीआरपीएफ की वैली क्यूएटी और कर्नल (सीआरपीएफ के9) टीम ने भी इस कार्यक्रम में अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित किया. इस आयोजन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शिरकत की और सीआरपीएफ जवानों के द्वारा किए गए कौशल प्रदर्शन को सराहा.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर अपने भाषण में सीआरपीएफ के नक्सलवाद से लड़ाई में अहम योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि मार्च 2026 तक हम देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर देंगे.
जब भी देश में कहीं भी अशांति होती है और मुझे पता चलता है कि सीआरपीएफ के जवान वहां हैं, तो मुझे एक प्रकार की राहत मिलती है। मुझे पूरा भरोसा है कि अगर सीआरपीएफ है, तो सफलता निश्चित है."
शाह ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद से लड़ने, पूर्वोत्तर में शांति बनाए रखने और नक्सलियों को कुछ जिलों तक सीमित रखने में सीआरपीएफ के योगदान का भी उल्लेख किया.उन्होंने यह भी कहा कि सीआरपीएफ की बहादुर कोबरा बटालियन को बधाई दी, जो नक्सलवाद के खिलाफ एक मजबूत प्रतीक बन चुकी है.
उन्होंने यह भी कहा, "सीआरपीएफ ने आजादी के 76 सालों में कई बार देश के सम्मान और गौरव की रक्षा की है, जैसे 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख में जब कुछ जवानों ने चीनी सेना का सामना किया और वीरगति को प्राप्त हुए."
सीआरपीएफ की स्थापना 27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में की गई थी, और यह समय के साथ देश के सबसे पुराने और प्रमुख केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में से एक के रूप में विकसित हुआ. स्वतंत्रता के बाद, इसे 28 दिसंबर 1949 को संसद के एक अधिनियम के माध्यम से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के रूप में नया नाम दिया गया.
आज सीआरपीएफ में 246 बटालियन शामिल हैं, और यह बल देश भर में अपने विभिन्न कार्यों के लिए जाना जाता है, जिसमें भीड़ और दंगा नियंत्रण, उग्रवाद विरोधी अभियानों, प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्यों आदि शामिल हैं. सीआरपीएफ की प्रमुख इकाइयों में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF), कोबरा बटालियन और महिला बटालियन शामिल हैं.
इस अवसर पर सीआरपीएफ द्वारा किए गए कौशल प्रदर्शन और मॉक ड्रिल ने बल की क्षमता और उच्चतम स्तर की प्रशिक्षण प्रणाली को प्रदर्शित किया.