संभल सीओ का विवादित बयान: "साल में 52 जुम्मे होते हैं, लेकिन होली सिर्फ़ एक दिन है, असहज होने पर घर में रहें"

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 07-03-2025
Controversial statement of Sambhal CO:
Controversial statement of Sambhal CO: "There are 52 Fridays in a year, but Holi is just one day, stay at home if you feel uncomfortable"

 

संभल

 उत्तर प्रदेश के संभल जिले के सर्किल ऑफिसर (सीओ) अनुज कुमार चौधरी का बयान विवादों में आ गया है. 14 मार्च को होली और रमज़ान के महीने की जुम्मे की नमाज़ के बीच समकालीन स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सीओ ने मुस्लिम समुदाय से यह अपील की कि जो लोग होली के रंगों से असहज हैं, वे घर के अंदर ही रहें.

उनका कहना था कि होली एक साल में एक ही बार आता है, जबकि जुम्मे की नमाज़ साल में 52 बार होती है, इसलिए यदि कोई व्यक्ति रंगों से परेशान है, तो वह त्योहार के दौरान बाहर न आए और घर पर ही रहे.

शांति समिति की बैठक और सीओ का बयान

संभल के कोतवाली पुलिस स्टेशन में 6 मार्च को शांति समिति की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि और पुलिस अधिकारी शामिल हुए. यह बैठक विशेष रूप से 14 मार्च को आने वाली होली और रमज़ान के दौरान जुम्मे की नमाज़ के बीच होने वाले संभावित तनाव को लेकर आयोजित की गई थी.

इस बैठक के बाद, सीओ अनुज कुमार चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि होली साल में एक बार ही आती है और इसे हिंदू समुदाय बहुत धूमधाम से मनाता है. उन्होंने यह भी कहा, "हमने मुस्लिम समुदाय से अनुरोध किया है कि अगर उन्हें रंग लगाना पसंद नहीं है तो वे होली वाले स्थानों पर न आएं.

साल में 52 जुम्मे होते हैं, लेकिन होली के लिए सिर्फ एक दिन होता है. हिंदू समुदाय पूरे साल होली का इंतजार करता है, जैसे मुसलमान ईद का इंतजार करते हैं."

चौधरी ने यह भी कहा, "हमने सीधा संदेश दिया है कि जब लोग होली खेलें और अगर मुसलमान समुदाय के लोग नहीं चाहते कि उन पर रंग पड़ें, तो उन्हें घर पर ही रहना चाहिए. अगर वे घर से बाहर जाना चाहते हैं, तो उन्हें इतना बड़ा दिल रखना चाहिए कि अगर उन पर रंग पड़ जाए तो वे आपत्ति न करें."

सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने का संदेश

सीओ ने यह भी बताया कि उन्होंने सभी समुदायों के साथ बैठक की और यह सुनिश्चित किया कि होली के अवसर पर दोनों समुदाय अपने-अपने तरीके से त्योहार मनाएं. उन्होंने कहा, "यह त्योहार सौहार्द और भाईचारे का है. हिंदू और मुस्लिम दोनों ही अपने-अपने तरीके से इसे मनाएंगे और हमें एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए."

इस बयान के बाद, संभल जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. खासकर शाही जामा मस्जिद के आसपास, जहां पहले ही 27 फरवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा रमज़ान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई की निगरानी के लिए एक तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया गया था. इसके बाद से मस्जिद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है.

संभल में होली और जुम्मे का मेल

14 मार्च को होली का पर्व और रमज़ान के महीने का जुम्मा एक ही दिन पड़ रहा है, जो दोनों समुदायों के लिए एक विशेष धार्मिक महत्व रखता है. होली हिंदू समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे वे रंगों, संगीत, और नाच-गाने के साथ मनाते हैं. दूसरी ओर, जुम्मे की नमाज़ मुसलमानों के लिए एक पवित्र दिन होता है, जब वे अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करते हैं.

इस विशेष स्थिति के मद्देनजर, संभल के सीओ ने यह प्रयास किया है कि दोनों समुदाय एक दूसरे के त्योहारों का सम्मान करें और आपसी सौहार्द बनाए रखें.

सीओ का संदेश और सामाजिक समरसता

सीओ अनुज कुमार चौधरी ने इस मामले में केवल रंगों से असहज होने पर घर में रहने की सलाह ही नहीं दी, बल्कि उन्होंने दोनों समुदायों से आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील भी की है. उनका कहना है कि यह समय एक-दूसरे के प्रति सम्मान और समझ का है, ताकि समाज में शांति और भाईचारा बना रहे.

साथ ही, सीओ ने यह भी कहा कि यह सिर्फ एक दिन का त्योहार नहीं है, बल्कि दोनों समुदायों के लिए यह अवसर है कि वे एक-दूसरे के साथ मिलकर समाज में प्रेम और शांति का माहौल बनाए रखें.