कांग्रेस ने वोटों के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को ‘मुस्लिम मामलों’ के मंत्रालय में तब्दील कर दिया: किरेन रिजिजू

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 15-10-2024
 Kiren Rijiju
Kiren Rijiju

 

छत्रपति संभाजी नगर. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि उसने वोट हासिल करने के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को मुस्लिम मामलों के मंत्रालय में बदल दिया है.

रविवार को छत्रपति संभाजी नगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने एक खास समुदाय को वोट बैंक बनाने के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को मुस्लिम मामलों का मंत्रालय बना दिया था. उस समय उन्होंने एक नियम बनाया था कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष केवल एक मुस्लिम ही हो सकता है. यह असंवैधानिक है... यह समिति 6 अल्पसंख्यक समुदायों की देखभाल के लिए बनाई गई थी, लेकिन अन्य 5 समुदायों को दरकिनार कर दिया गया. इससे सभी को नुकसान उठाना पड़ा है.’’

कांग्रेस पर और निशाना साधते हुए रिजिजू ने आरोप लगाया कि पार्टी ने चुनावों में वोट हासिल करने के लिए फूट डालो और राज करो की रणनीति अपनाई.

उन्होंने कहा, ‘‘इससे सभी को नुकसान हुआ है, लेकिन सबसे बड़ा नुकसान मुसलमानों को हुआ है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में स्थापित किया है. जब भी कोई समुदाय वोट बैंक बन जाता है, तो उसे बहुत नुकसान होता है, क्योंकि चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी को लगता है कि उन्हें मुसलमानों के 15 प्रतिशत वोट की गारंटी है, इसलिए उन्हें उनके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं है. उनकी (कांग्रेस) रणनीति वोट हासिल करने के लिए फूट डालो और राज करो की रही है. मुसलमानों को वोट बैंक में बदलकर उन्होंने मुसलमानों और देश को भी नुकसान पहुँचाया है.’’

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने की उम्मीद है. भारत के चुनाव आयोग ने अभी तक चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है. आगामी महाराष्ट्र चुनाव में महा विकास अघाड़ी गठबंधन, जिसमें शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस शामिल हैं, और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) शामिल हैं, के बीच मुकाबला होगा. 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें जीती थीं और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं.

 

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