नई दिल्ली. केरल के एक यूडीएफ सांसद ने कहा है कि वह वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का समर्थन करेंगे, जिसे भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने संसद में पेश किया है. केरल कांग्रेस (जोसेफ) पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में इसके एकमात्र सदस्य फ्रांसिस जॉर्ज ने कहा है कि जनता के प्रतिनिधि और राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में वह नए विधेयक का समर्थन करेंगे. केरल कांग्रेस (जोसेफ) केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ का प्रमुख सहयोगी है.
सांसद फ्रांसिस जॉर्ज ने हाल ही में कोच्चि के निकट मनमबम में 24 घंटे के दिन-रात के विरोध प्रदर्शन के अंत में बोलते हुए अपना रुख स्पष्ट किया. यह विरोध प्रदर्शन स्थानीय लोगों द्वारा वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई भूमि पर अपने राजस्व अधिकारों का दावा करने के लिए आयोजित भूख हड़ताल रैली का हिस्सा था. उन्होंने मौजूदा वक्फ कानून को एक कठोर कानून बताया जिसे लोकतांत्रिक देश में कोई भी स्वीकार नहीं कर सकता. इसलिए इस कानून को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.
सांसद फ्रांसिस जॉर्ज ने कानून की कई धाराओं का हवाला देते हुए कहा. इसमें बदलाव की जरूरत है. कोट्टायम के सांसद ने कहा कि जब संशोधन विधेयक संसद में पेश किया गया था, तो आम सहमति बनाने का प्रयास किया गया था लेकिन दुर्भाग्य से इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया. कांग्रेस नीत गठबंधन ने केरल कांग्रेस (जोसेफ) नेता के रुख पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जो इस मुद्दे पर उसके आधिकारिक रुख के विपरीत है.
जॉर्ज के रुख का स्वागत करते हुए भाजपा नेता शॉन जॉर्ज ने कहा कि एक ईसाई सांसद ने दिखा दिया है कि उनमें साहस है. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘उम्मीद है कि यह बात संसद में भी साबित हो जाएगी.’’ सीन जॉर्ज ने अन्य सांसदों जैसे जोस के. मणि, डैन कुरियाकोस, एंटो एंटनी, हेबे ईडन, जॉन बर्टास और बेनी बेहनन से भी इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की अपील की.
भाजपा के कोट्टायम जिला नेतृत्व ने सवाल उठाया कि क्या केरल कांग्रेस (जोसेफ) विधायक मोनिस जोसेफ का रुख फ्रांसिस जॉर्ज से मेल खाता है. भाजपा कोट्टायम जिला अध्यक्ष लज्नालाल ने कहा कि अगर ऐसा है, तो जोसेफ को खुले तौर पर इसकी घोषणा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जोसेफ ने केरल विधानसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ राज्य सरकार के प्रस्ताव का बिना किसी हिचकिचाहट के समर्थन किया.
हालांकि, विधानसभा से बाहर आने के बाद अब वह प्रभावित लोगों के सामने झुकते और मुस्कुराते नजर आ रहे हैं. पिछले वर्ष अक्टूबर में केरल विधानसभा ने वक्फ अधिनियम में केंद्र के प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक को 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया.