सांप्रदायिक सौहार्द: दंगों में मुसलमानों की हिफाजत की, अब मस्जिद बनाने को दी जमीन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 17-01-2025
Mosque
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मलेरकोटला. नफरत के इस दौर में अभी भी कुछ लोग हैं, जो सद्भाव की लौ जलाए हुए हैं. उन्ही में से एक है पंजाब के मलेरकोटला से ताल्लुक रखने वाला एक सिख परिवार. इस सिख परिवार ने मस्जिद बनाने के लिए अपनी जमीन दान कर दी है. उमरपुरा गांव के पूर्व सरपंच सुखजिंदर सिंह नोनी और उनके भाई अवनिंदर सिंह ने अपनी जमीन मस्जिद बनाने के लिए दी है. यह जमीन 5.5 बिस्वा है. उनके इस कदम की हर तरफ चर्चा हो रही है.

भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद पंजाब का मलेरकोट जिला ही एक ऐसा जिला बचा है, जहां पर मुसलमानों की आबादी है. 1947 से पहले ये इस जिले पर नवाबों का राज हुआ करता था. जब भारत पाकिस्तान का बंटवारा होने लगा और गलियों में हिंसा फैल गई, तब मलेरकोटला के सिखों ने मुसलमानों की हिफाजत की.

इस इलाके की कहानी 1704 में शुरू होती है. मलेरकोट के नवाब ने नवाब सरहिंद की उस वक्त मुखालफत की थी जब उन्होंने गुरू गोबिंद सिंह के दोनों बेटों को चुनवा दिया था. इस विरोध के बाद वह सिखों में मशहू हो गए. इसके बदले में सिखों ने 1947 में मुसलमानों को बचाया.

सुखजिंदर सिंह ने इंडियन एक्प्रेस अखबार को बताया कि कस्बे में मुसलमानों के पास इबादत करने के लिए जगह नहीं और उनके परिवार ने मुसलमानों को एक मस्जिद बनाने के लिए जमीन देने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि ष्हमारे गांव में 30 फीसद मुसलमानों की आबादी है और उन्हें नमाज के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है. मेरे परिवार ने मुसलमानों से वादा किया था कि उनके पास यहां एक मस्जिद होनी चाहिए, इसलिए मेरे भाई और मैंने मस्जिद के लिए जमीन दी.ष् उन्होंने आगे बताया कि इस जमीन की कीमत 7-8 लाख रुपये है.

पंजाब के शाही इमाम मोहम्मद उस्मान रहमान लुधियानवी ने 12 जनवरी को मस्जिद की पहली ईंट लगाई. गांव के दूसरे लोगों ने मस्जिद बनाने में अपना सहयोग दिया. तेजवंत सिंह ने मस्जिद बनाने के लिए 2 लाख रुपये दान किए. रविंदर सिंह ग्रेवल ने 1 लाख रुपये दान किए.