एक्शन में सीएम रेखा, आपके इलाके में भी हो जाएगा जलभराव का निपटान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 18-04-2025
CM Rekha in action, waterlogging has been resolved in your area too
CM Rekha in action, waterlogging has been resolved in your area too

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार मानसून के समय राष्ट्रीय राजधानी को जलभराव से मुक्ति दिलाने के लिए संवेदनशील स्थानों पर स्वचालित पंप लगाने और कर्मचारियों को तैनात करने सहित हरसंभव प्रयास कर रही है. 
 
मानसून की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री ने जलभराव वाले मिंटो ब्रिज अंडरपास का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री प्रवेश वर्मा भी मौजूद थे. गुप्ता ने कहा, ‘‘भारी बारिश के दौरान जलनिकासी के लिए यहां स्वचालित पंप लगाए गए हैं और 2.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है. कर्मचारी भी हर समय ड्यूटी पर रहेंगे. संवेदनशील स्थानों की पहचान कर ली गई है और सुधारात्मक उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध तरीके से हर कदम उठाएगी कि इस साल जलभराव न हो.
 
194 स्थानों पर जलभराव से निपटान
 
प्रवेश वर्मा ने कहा, ‘‘पिछले साल, यातायात पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में 194 जलभराव वाले स्थानों की पहचान की थी। इनमें से अधिकांश पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर हैं. इन जगहों पर नालों की सफाई, ज्यादा पंप लगाने और जरूरत पड़ने पर कर्मचारी तैनात करने जैसे कई उपाय किये जा रहे हैं. गुप्ता ने विश्व स्वास्थ्य संगठन भवन के पास रिंग रोड सहित अन्य प्रमुख जलभराव वाले स्थलों पर मानसून की तैयारियों का भी निरीक्षण किया. विश्व स्वास्थ्य संगठन भवन के पास वाली जगह कई वर्षों से जलभराव वाले शीर्ष 10 स्थानों में से एक है. 
 
प्रशासन अलर्ट 
 
निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने बिजली और पीडब्ल्यूडी सहित कई विभागों के साथ बैठक की. वर्मा ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने जलभराव, यातायात जाम और अंधेरे वाले स्थानों के मुद्दों पर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) सहित सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक की तथा सभी को निर्धारित समयसीमा के अनुसार काम पूरा करने का निर्देश दिया. योजना के अनुसार जिन स्थानों पर एक नए नाले का निर्माण जैसे दीर्घकालिक उपाय किए जा रहे हैं, वहां अतिरिक्त पंप लगाए जाएंगे ताकि बारिश के पानी को निकाला जा सके.