चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की ऑस्ट्रेलिया यात्रा, रक्षा सहयोग पर होगी बात

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-03-2025
Chief of Defence Staff's visit to Australia, defence cooperation to be discussed
Chief of Defence Staff's visit to Australia, defence cooperation to be discussed

 

नई दिल्ली
 
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे. उनकी यह यात्रा 4 मार्च से शुरू होगी और 7 मार्च तक जारी रहेगी. इस दौरान वह ऑस्ट्रेलिया में रहेंगे और वहां वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. 
 
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि जनरल अनिल चौहान की यह यात्रा रक्षा सहयोग के क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहरे होते संबंधों को दर्शाती है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार जनरल अनिल चौहान ऑस्ट्रेलिया के रक्षा बल के प्रमुख जनरल एडमिरल डेविड जॉन्सटन से मुलाकात करेंगे.
 
जनरल अनिल चौहान यहां ऑस्ट्रेलियाई रक्षा सचिव ग्रेग मोरियार्टी से भी संवाद करेंगे. इनके अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुख जनरल अनिल चौहान के साथ बैठक में शामिल होंगे. अपनी ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान सीडीएस, जनरल अनिल चौहान ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिलेंगे.
 
वह यहां ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल के सैन्य नेतृत्व के साथ व्यापक चर्चा में शामिल होंगे. जनरल अनिल चौहान ऑस्ट्रेलिया की परिचालन कमांड संरचना की जानकारी हासिल करने और संयुक्त अभियानों की संभावित पहल पर चर्चा करने के लिए फोर्स कमांड मुख्यालय का दौरा करेंगे. 
 
जनरल चौहान ऑस्ट्रेलियाई फ्लीट कमांडर और ज्वाइंट ऑपरेशंस कमांडर से भी बातचीत करेंगे. पेशेवर सैन्य प्रशिक्षण और सैन्य शिक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने के लिए, सीडीएस प्रतिष्ठित ऑस्ट्रेलियाई रक्षा कॉलेज का दौरा भी करने वाले हैं. यहां वह भारत-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक चुनौतियों पर वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करेंगे. 
 
सीडीएस, ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट में एक गोलमेज चर्चा की भी अध्यक्षता करेंगे. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सीडीएस जनरल अनिल चौहान की यह यात्रा दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा जुड़ाव को रेखांकित करती है.
 
भारत और ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत राजनयिक और सैन्य सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता साझा करते रहे हैं. इसके साथ ही दोनों देश भारत-प्रशांत क्षेत्र में अधिक सहयोग को बढ़ावा भी देते हैं.