रायपुर
दंतेवाड़ा जिले में चल रहे 'लोन वर्राटू' (घर वापस आओ) अभियान से प्रेरित होकर शनिवार को दो इनामी माओवादियों समेत आठ माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इनमें से ज्यादातर माओवादी विभिन्न रेवाली और काकनाडी पंचायतों के सीएनएम (चेतना नाट्य मंच) के सदस्य हैं. मंच - एक जागृति और नाट्य कला मोर्चा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का 'सांस्कृतिक दल' है.
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाला एक अन्य माओवादी तिमनार जीआरडी का सदस्य है और दूसरा भैरमगढ़ क्षेत्र छात्र संगठन का सदस्य है, जबकि दो अन्य पोमरा पंचायत भूमकाल मिलिशिया के सदस्य हैं.
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने टेकलगुड़ा पंचायत सीएनएम सदस्य मंगडू मड़कम और रेवाली पंचायत सीएनएम सदस्य देवा राम कुंजाम पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.
एक अधिकारी ने बताया कि ये लोग पहले सड़क खोदने और अपने-अपने इलाकों में नक्सली बैनर और पोस्टर लगाने जैसी गतिविधियों में शामिल थे.
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी, जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) माओवादियों को समाज में फिर से शामिल करने के लिए सक्रिय रूप से उनसे जुड़ रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के साथ मिलकर इस अभियान का गांवों में व्यापक प्रचार किया गया है, जिसके कारण उच्च और निम्न स्तर के माओवादियों ने लगातार आत्मसमर्पण किया है.
माओवाद की कठोर और शोषणकारी विचारधारा, माओवादी समूहों के भीतर आंतरिक संघर्ष और जंगलों में रहने की चुनौतियों से निराश होकर इन लोगों ने हिंसा को त्यागकर समाज में फिर से शामिल होने का फैसला किया है.
12 अप्रैल, 2025 को दंतेवाड़ा रेंज के उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप के कार्यालय में एक-एक लाख रुपये के इनाम वाले आठ माओवादियों ने ‘लोन वर्राटू’ के तहत आत्मसमर्पण किया.
सीआरपीएफ की 111वीं और 230वीं बटालियन के साथ दंतेवाड़ा की खुफिया शाखा (आरएफटी) ने इन आत्मसमर्पणों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई.
पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता के साथ-साथ कौशल विकास प्रशिक्षण और कृषि भूमि जैसे अन्य लाभ भी मिलेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि ‘लोन वर्राटू’ अभियान की शुरुआत से अब तक 226 इनामी माओवादियों समेत कुल 961 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज में नई राह पकड़ी है.