केंद्र सरकार ने 2025-26 की रबी फसलों के लिए एमएसपी में किया इजाफा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 16-10-2024
Central government increased MSP for Rabi crops for 2025-26
Central government increased MSP for Rabi crops for 2025-26

 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को 2025-26 के लिए सभी जरूरी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने का ऐलान किया.  

सीसीईए द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल की गई है, इसके बाद मसूर की एमएसपी को 275 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है.

चना, गेहूं, कुसुम और जौ के लिए क्रमशः 210 रुपये प्रति क्विंटल, 150 रुपये प्रति क्विंटल, 140 रुपये प्रति क्विंटल और 130 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है.

एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 में न्यूनतम समर्थन मूल्य को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की घोषणा के अनुरूप है.

सरकार के अनुसार, अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर अनुमानित मार्जिन गेहूं के लिए 105 प्रतिशत है, इसके बाद सरसों के लिए 98 प्रतिशत है, दाल के लिए 89 प्रतिशत, चने के लिए 60 प्रतिशत, जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 50 प्रतिशत है.

सरकार ने कहा कि रबी फसलों की बढ़ी हुई एमएसपी यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों के लिए उनकी फसल लाभाकारी हो. इसके साथ ही यह फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहित करेगी.

पिछले महीने कैबिनेट ने 24,475.53 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ फॉस्फेटिक और पोटाश (पी एंड के) उर्वरकों पर रबी फसलों के लिए पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी थी. इस निर्णय से किसानों को सब्सिडीयुक्त, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.

देश ने कृषि वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड 3,322.98 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) का खाद्यान्न उत्पादन दर्ज किया, जो कृषि वर्ष 2022-23 के दौरान प्राप्त 3,296.87 एलएमटी खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 26.11 एलएमटी अधिक है. चावल, गेहूं और बाजरा की अच्छी फसलों के कारण खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई थी. 

 

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