लिंचिंग पर बिल, क्या कहते हैं आलिम?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-08-2023
Indian Muslim Clerics
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मंसूरुद्दीन फरीदी / नई दिल्ली

यह एक सकारात्मक कदम और पहल है. देश को ऐसे कानून की जरूरत है. कानून बनना चाहिए, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात ये है कि लिंचिंग ख़त्म होनी चाहिए. यह उलेमा और आलिमों की राय है, जो उन्होंने संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तीन नये विधेयक पेश किये जाने पर जाहिर की है. गौरतलब है कि इनमें से एक है मॉब लिंचिंग के लिए मौत की सजा.

बता दें कि इनमें भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 शामिल हैं. ये विधेयक भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और ब्रिटिश काल के साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. तीनों विधेयकों को जांच के लिए संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा.


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अजमेर दरगाह शरीफ के सज्जादानशीन और ऑल इंडिया सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि यह एक अच्छा और सकारात्मक कदम है. इसका जवाब मिल गया है. उन्होंने कहा कि इस बिल को लोकसभा में पेश कर अमित शाह ने साबित कर दिया कि सरकार की नजर में हर नागरिक का दर्जा बराबर है. इस देश का संविधान और संविधान समानता की गारंटी देता है. हर नागरिक को न्याय मिलेगा, यही है देश के संविधान का वादा.

नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि सरकार के इस कदम से सारी गलतफहमियां दूर हो गई हैं, वहीं जो लोग लिंचिंग को धर्म से जोड़ रहे थे, उनका मुंह बंद हो जाएगा.अपराध तो अपराध ही होता है और अपराधी तो अपराधी ही होते हैं. उन्होंने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ-सबका विकास के नारे की सार्थकता का भी प्रमाण है.


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मुंबई में इंटरनेशनल सूफी कारवां के प्रमुख मुफ्ती मंजूर जियाई कहते हैं, ‘‘निस्संदेह, देश को इस कानून की सख्त जरूरत है, क्योंकि देश में जो नफरत के बीज बोए गए हैं, उनका इलाज होना चाहिए. अब यह बिल पारित हो गया और कानून पारित हो गया. यह किसी एक वर्ग को खुश करने वाला कानून नहीं होना चाहिए.’’

मुफ्ती जियाई ने सरकार के इस कदम की सराहना की और कहा कि इस तरह के कानून से देश की छवि भी बेहतर होगी, क्योंकि ऐसी घटनाओं से पूरी दुनिया में शर्मिंदगी होती है.

फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मौलाना डॉ. मुहम्मद मुकर्रम अहमद ने कहा कि लिंचिंग को खत्म करने के लिए कानून बनाना जरूरी हो गया था. मुख्य समस्या यह है कि मॉब लिंचिंग क्यों हो रही है. अगर मौजूदा कानून का सख्ती से पालन किया जाए, तो मुझे लगता है कि किसी भी अपराध को खत्म किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आधारशिला यानी एफआईआर जरूरी है.

पुलिस की पारदर्शी जांच और कार्रवाई उनके लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने आगे कहा कि कानून बनना चाहिए, लेकिन उसका पालन ईमानदारी से होना चाहिए. उसका वैध तरीके से इस्तेमाल होना चाहिए. उसका राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.

मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि कानून का शासन महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका अस्तित्व न होने से दुनिया भर में बदनामी होती है. यह अब तक कानून की कमजोरी रही है, लेकिन पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां इसे प्रभावी बना सकती हैं. इसलिए कानून का ईमानदारी से पालन करना जरूरी है.


 

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