सुपौल. बिहार के सुपौल में हिंदू और मुस्लिम बुजुर्गों ने मिलकर फूलों की होली खेली. साथ ही प्रेम और सौहार्द का संदेश दिया. बिना रंग-गुलाल के इस होली मिलन समारोह में फूलों की वर्षा की गई.
होली मिलन में गीत-संगीत हुआ, फगवा गाया गया और सामूहिक भोज का आयोजन हुआ. 2008 की बाढ़ के बाद शुरू हुई यह परंपरा भाईचारे और बुजुर्गों की आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गई है.
बिहार के सुपौल में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों बुजुर्गों ने मिलकर भव्य फूलों की होली का आयोजन किया. इस आयोजन में जाति, धर्म, ऊंच-नीच का भेदभाव भुलाकर सभी ने एक-दूसरे पर फूलों की वर्षा की और प्रेम, शांति व एकता का संदेश दिया. इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृत निर्मली इलाके में की गई.