बिहार : सीएए के तहत आरा में बांग्लादेशी महिला को 40 साल बाद मिली भारतीय नागरिकता, पीएम मोदी को दिया धन्यवाद

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 06-01-2025
Bihar: Bangladeshi woman in Ara gets Indian citizenship after 40 years under CAA, thanks PM Modi
Bihar: Bangladeshi woman in Ara gets Indian citizenship after 40 years under CAA, thanks PM Modi

 

आरा. बिहार के आरा में एक महिला ने भारतीय नागरिकता के लिए 40 वर्षों का लंबा इंतजार किया. महिला पिछले 40 वर्षों से आरा शहर के चित्र टोली रोड में वीजा लेकर रह रही थी. लेकिन, अब महिला को भारतीय नागरिकता मिल गई है. यह बिहार के लिए पहला मामला है. जिन्हें नागरिकता नियम, 2009 के (11क) के उपनियम (1) और नियम (13क) के तहत राज्य स्तरीय सशक्त समिति की नागरिक निबंधन के तहत नागरिकता मिली है. महिला पिछले 40 वर्षों से अपनी नागरिकता को लेकर कभी थाने तो कभी वीजा के लिए दूतावास का चक्कर लगा रही थी.  

महिला सुमित्रा प्रसाद उर्फ रानी साहा ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए नागरिकता मिलने पर खुशी जताई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. मोदी सरकार को धन्यवाद देते हुए महिला सुमित्रा प्रसाद ने बताया कि जब वह पांच साल की थी, तब अपनी बुआ के घर बांग्लादेश गई थी, उस समय बांग्लादेश का विभाजन नहीं हुआ था. उसी दौरान सुमित्रा अपनी बुआ के घर गई. जहां उन्होंने बुआ के घर रहकर पढ़ाई पूरी की और 1985 में भारत आ गई. उन्होंने बताया कि 1985 के बाद वह कभी बांग्लादेश लौट कर नहीं गईं. वह भारत में ही वीजा लेकर रहती थीं, क्योंकि तब तक बांग्लादेश का विभाजन हो चुका था.

महिला ने आगे बताया कि मेरे पिता के पास इतना पैसा नहीं था. इस वजह से सुमित्रा अपनी बुआ के घर 1970 में चली गई थीं. उस समय वो महज पांच साल की थी. जिसके बाद 16 दिसंबर 1971 में बांग्लादेश विभाजित हो गया. फिर सुमित्रा 15 साल बाद जनवरी 1985 को भारत लौट आई उसके बाद कभी बांग्लादेश नहीं गई.

महिला ने बताया कि भारत लौटने के बाद वो बिहार के कटिहार जिले में अपने पिता के पास गई. जहां, 10 मार्च 1985 को आरा शहर के चित्र टोली रोड में उनकी शादी परमेश्वर प्रसाद से हुई. उसके बाद से ही वह आरा में अपने परिवार के साथ रहने लगी. उन्होंने बताया कि उन्हें तीन बेटी प्रियंका प्रसाद, प्रियदर्शिनी और ऐश्वर्या हुईं. इसके बाद साल 2010 में बैक बोन कैंसर की वजह से उनके पति परमेश्वर प्रसाद की मौत हो गई. इसके बाद उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि हर साल वीजा के लिए परेशानी होती थी.

सुमित्रा रानी साहा ने बताया कि 40 सालों के दौरान बहुत बार वीजा के लिए परेशान होना पड़ा. मोहल्ले में रहने वाले लोग उन्हें बार-बार बांग्लादेश जाने के लिए कहते थे. साल 2023 में वीजा में देरी हो गई थी. इस वजह से उन्हें टाउन थाने में बुलाकर बांग्लादेश वापस लौटने के लिए कहा गया था. पड़ोस में रहने वाले लोग काफी डराते और धमकाते थे. धमकियां देते थे कि बांग्लादेश भेज देंगे, जेल भेज देंगे. लेकिन, अंत में कोलकाता से वीजा मिला. पिछले तीन बार से उन्हें कोलकाता से ही वीजा मिल रहा था. इसी दौरान जब 2024 में वीजा के लिए कोलकाता में आवेदन दिया, तो सुमित्रा के परिवार वालों को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बारे में जानकारी दी गई.

नागरिकता संशोधन कानून के बारे में पता चलने के बाद सुमित्रा की बेटी ऐश्वर्या प्रसाद ने सीएए के लिए आवेदन किया. इस बीच उन्हें वीजा का एक्सटेंशन भी तीन साल का मिल गया. अक्टूबर 2024 से ही ऐश्वर्या सीएए के लिए लग गई. आखिरकार उन्हें भारत की नागरिकता मिल गई है. सुमित्रा की तीन में से दो बेटियों की शादी हो गई है. एक बेटी ऐश्वर्या प्रसाद जो अभी इनका ख्याल रख रही हैं.

वहीं, भारतीय नागरिकता मिलने के बाद सुमित्रा का परिवार काफी खुश है. उनकी बेटी ऐश्वर्या ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनकी मां को अभी तक सभी सरकारी सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा था. आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड अभी तक नहीं बन पाया था. गैस कनेक्शन भी नहीं मिलता था. लेकिन, अब सभी सुविधाएं मिलेंगी. ऐश्वर्या ने कहा कि अब सभी डॉक्यूमेंट बनाए जाएंगे. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. कोरोना काल में तीन साल तक वीजा एक्सटेंशन नहीं हुआ था, तो उस दौरान काफी परेशान थी. लेकिन, अब यह सभी परेशानियों से मुक्ति मिल गई है.