बरेली. बरेली के दारुल उलूम शेन आला हजरत में तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की मौजूदगी में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. मदरसे के सभी छात्रों ने तराना-ए-हिंद का पाठ किया और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले अल्लामा फजले हक खैराबादी द्वारा देश की आजादी में निभाई गई भूमिका को याद किया.
रजवी ने कहा कि युद्ध लड़ने के लिए फतवा दिल्ली की जामा मस्जिद से दिया गया था और मुफ्ती इनायत अहमद काकोरवी को अंग्रेजों ने उनकी भागीदारी के लिए दंडित किया था और देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र होने से पहले हजारों मुजाहिदीन-ए-आजादी ने अपने जीवन का बलिदान दिया था.
यह कहते हुए कि भारत किसी एक समुदाय के कारण स्वतंत्र नहीं हुआ, बल्कि देश सभी वर्गों के बलिदान के बाद मुक्त हुआ है, सुन्नी मुस्लिम धार्मिक नेता रजवी ने कहा कि देश की स्वतंत्रता में हिंदुओं और मुसलमानों का मिश्रित योगदान रहा है. उन्होंने कहा, हिंदू और मुसलमान देश की समृद्धि और प्रगति के लिए मिलकर काम करेंगे और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.