जल संसाधनों के बंटवारे पर चर्चा के लिए बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल भारत आया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-03-2025
Bangladeshi delegation visits India to discuss sharing of water resources
Bangladeshi delegation visits India to discuss sharing of water resources

 

ढाका. अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश और भारत के बीच जल संसाधनों के बंटवारे पर चर्चा के लिए बांग्लादेश का एक तकनीकी प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कोलकाता गया. उन्होंने बताया कि संयुक्त नदी आयोग (जेआरसी) के सदस्य मुहम्मद अबुल हुसैन के नेतृत्व में 12 सदस्यीय बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल 5 मार्च की सुबह तक फरक्का में गंगा के प्रवाह का निरीक्षण करेगा.

द डेली स्टार ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल 6-7 मार्च को कोलकाता के हयात रीजेंसी होटल में भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग के तत्वावधान में दो दिवसीय बैठक के लिए कोलकाता लौटेगा.

जेआरसी के कार्यकारी अभियंता काजी शाहिदुर रहमान ने एएनआई को फोन पर बताया, ‘‘फरक्का साइट के दौरे के बाद, बांग्लादेश और भारत के बीच दो बैठकें होंगी. एक बैठक में गंगा समझौते के कार्यान्वयन पर चर्चा होगी, और दूसरी बैठक में आम नदियों के विभिन्न तकनीकी मुद्दों पर चर्चा होगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिनिधिमंडल 8 मार्च को ढाका लौटेगा.’’

गंगा भारत और बांग्लादेश द्वारा साझा की जाने वाली 54 नदियों में से एक है. इसके जल बंटवारे को लेकर लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों को 12 दिसंबर, 1996 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और उनकी तत्कालीन बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना द्वारा गंगा जल संधि पर हस्ताक्षर करने के साथ सुलझा लिया गया था. यह संधि 30 साल की अवधि के लिए लागू रहनी थी और आपसी सहमति से इसे नवीनीकृत किया जा सकता था.

जल संसाधन विभाग के अनुसार, संधि के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया गया था. इस संधि का नवीनीकरण 2026 में होना है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गंगा जल-बंटवारा संधि के नवीनीकरण के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है.

2011 में भारत और बांग्लादेश द्वारा तीस्ता नदी जल बंटवारा संधि के पाठ पर सहमति जताने के बावजूद बनर्जी इसका विरोध कर रही हैं. उल्लेखनीय है कि मानसून के मौसम में भारत से बांग्लादेश तक गंगा, तीस्ता, ब्रह्मपुत्र और बराक जैसी प्रमुख नदियों पर बाढ़ पूर्वानुमान डेटा के प्रसारण की व्यवस्था मौजूद है.

मंत्रालय के अनुसार, मानसून के दौरान बाढ़ पूर्वानुमान की जानकारी के प्रसारण ने बांग्लादेश में नागरिक और सैन्य अधिकारियों को बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने में सक्षम बनाया है.