ढाका. बांग्लादेश पुलिस ने उत्तरी मैमनसिंह में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास एक इलाके से दो वरिष्ठ पत्रकारों को हिरासत में लिया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया, ‘‘पत्रकार श्यामल दत्ता और मोजम्मेल बाबू को स्थानीय लोगों ने हिरासत में लिया और पुलिस को सौंप दिया.’’
श्यामल दत्ता ढाका के नेशनल प्रेस क्लब के पूर्व महासचिव और बंगाली दैनिक भोरेर कागोज के संपादक हैं. मोजम्मेल बाबू निजी टेलीविजन चौनल, 71 टीवी के मालिक हैं.
अधिकारी ने आगे कोई विवरण दिए बिना कहा, ‘‘हिरासत में लिए गए दोनों पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज है और हमने उन्हें सुरक्षित हिरासत में रखा है.’’ हिरासत में लिए गए पत्रकारों पर अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के करीबी होने का आरोप है.
एक महीने पहले, छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन ने कई हफ्तों तक चले विरोध प्रदर्शनों और झड़पों के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया था, जिसमें 600 से ज्यादा लोग मारे गए थे. शेख हसीना 5 अगस्त को भारत भाग गईं और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया.
इस बीच, बांग्लादेश में बदमाशों द्वारा सूफी दरगाहों को निशाना बनाए जाने की रिपोर्ट आने के कुछ दिनों बाद, भक्तों और स्वयंसेवकों ने दरगाहों को किसी भी संभावित खतरे से बचाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली है.
हाल ही में, स्थानीय मीडिया ने बताया कि कुछ ‘बदमाशों’ ने देर रात सिलहट में हजरत शाह परान दरगाह पर हमला किया, जबकि श्रद्धालु दरगाह पर उर्स मना रहे थे.
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हमलों की निंदा की और सुरक्षा बलों से कार्रवाई करने को कहा.
ये भी पढ़ें : पैगंबर मोहम्मद का नेतृत्व और शिक्षाएं मुसलमानों के लिए आज भी हैं प्रासंगिकता
ये भी पढ़ें : ईद मिलाद- उन- नबी: पैगंबर मोहम्मद के संदेश में विश्वास, करुणा और न्याय पर ज़ोर
ये भी पढ़ें : ईद मिलाद-ए-नबी पर विशेष : आक़ा की पाक निशानियां
ये भी पढ़ें : 118 वर्षों से सामाजिक सौहार्द को संजोए सातारा का आजाद हिंद गणेशोत्सव मंडल
ये भी पढ़ें : मौलवी मोहम्मद बाकर पत्रकारिता में सोशल रिफॉर्म पर फोकस करते थे, बोलीं इतिहासकार डॉ स्वप्रा लिडल