Bangladesh: Two Hindu monks arrested, case filed against 70 'minority' lawyers-journalists of Chittagong
ढाका
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने चटगांव के 70 अल्पसंख्यक वकीलों और दो पत्रकारों के खिलाफ 'झूठा और परेशान करने वाला केस' दर्ज होने पर हैरानी और चिंता जाहिर की है. इस बीच इस्कॉन कोलकाता ने दो हिंदू भिक्षुओं और एक अन्य की गिरफ्तारी व इस्कॉन सेंटर पर हमले का भी दावा किया.
'अल्पसंख्यक' पत्रकारों और वकीलों के खिलाफ 30 नवंबर को कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। जिसमें इन पर देशी बम विस्फोट और वाहनों में तोड़फोड़ करने में शामिल होने का आरोप लगाया गया. रविवार को एक आधिकारिक बयान में, परिषद ने इस केस को मानवाधिकारों और कानून के शासन का उल्लंघन बताया.
परिषद ने कहा कि यह केस पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के खिलाफ दर्ज राजद्रोह मामले को बाधित करने और इससे जुड़े समाचारों के प्रकाशन-प्रसार को जबरन रोकने के गुप्त इरादे से दायर किया गया. परिषद ने यह भी मांग की कि बांग्लादेशी सरकार और कानून प्रवर्तन अधिकारी तुरंत झूठे मामले को वापस लें, वकीलों और पत्रकारों को रिहा करने के लिए तत्काल कदम उठाएं.
इस बीच, शनिवार को इस्कॉन कोलकाता ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी अधिकारियों ने दो भिक्षुओं, आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी, के साथ-साथ चिन्मय कृष्ण दास के सचिव को भी गिरफ्तार किया है.
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधा रमन ने कहा कि भिक्षुओं को शुक्रवार को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया जब वे चिन्मय कृष्ण दास से मिलने के बाद घर जा रहे थे. चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
राधा रमन ने खुद के बनाए गए एक वीडियो में कहा, "29 नवंबर को जब आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी चिन्मय कृष्ण प्रभु से मिलकर लौट रहे थे, तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हमें यह भी जानकारी मिल रही है कि चिन्मय कृष्ण दास के सचिव को भी गिरफ्तार किया गया है."
उन्होंने यह दावा भी किया कि दंगाइयों ने बांग्लादेश में इस्कॉन केंद्र में तोड़फोड़ की.बांग्लादेश में स्थिति तब से तनावपूर्ण है जब आध्यात्मिक उपदेशक चिन्मय कृष्ण दास पर 25 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया. उन पर चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने के आरोप में देशद्रोह का आरोप लगाया गया.
दास की गिरफ्तारी के बाद, 27 नवंबर को चटगांव कोर्ट बिल्डिंग क्षेत्र में पुलिस और आध्यात्मिक गुरु के कथित अनुयायियों के बीच झड़प के दौरान एक वकील की मौत हो गई थी.शुक्रवार को, भारत ने बांग्लादेश में 'चरमपंथी बयानबाजी, हिंसा और उकसावे की बढ़ती घटनाओं' पर चिंता व्यक्त की.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने बांग्लादेशी सरकार के साथ हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर लक्षित हमलों का मुद्दा लगातार मजबूती के साथ उठाया है.