ढाका/नई दिल्ली. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत से प्रत्यर्पण उनके देश की प्राथमिकता है. मुख्य सलाहकार यूनुस के प्रेस सचिव शफीक आलम ने संवाददाताओं को बताया कि यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, ढाका हसीना के प्रत्यर्पण के लिए अपने प्रयास जारी रखेगा ताकि उन पर व्यक्तिगत रूप से मुकदमा चलाया जा सके.
आलम ने कहा कि एक भारतीय मीडिया समूह द्वारा किये गये सर्वेक्षण से पता चला है कि 55 प्रतिशत भारतीय चाहते हैं कि उन्हें वापस ढाका भेज दिया जाये, जबकि कुछ प्रतिशत चाहते हैं कि उन्हें किसी अन्य देश भेज दिया जाये तथा केवल 16-17 प्रतिशत चाहते हैं कि वे भारत में ही रहें. इससे पहले, बांग्लादेश को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की यूनुस सरकार पर की गई कठोर टिप्पणी पसंद नहीं आई थी और ढाका ने नई दिल्ली से कहा था कि वह शेख हसीना को भारत में रहते हुए -झूठी और मनगढ़ंत’ टिप्पणियां करने से रोके.
इस पर भारत ने कहा कि यह बयान शेख हसीना ने स्वयं दिया है और भारत का इससे कोई लेना-देना नहीं है. भारत ने 7 फरवरी को कड़े शब्दों में बयान जारी कर कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की टिप्पणी उनकी निजी हैसियत में थी और भारत की इसमें कोई भूमिका नहीं थी.
मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा कि शेख हसीना की व्यक्तिगत हैसियत से की गई टिप्पणियों को भारत की स्थिति से जोड़ना द्विपक्षीय संबंधों के लिए अच्छा नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि यह बात सामने आई है कि भारत बांग्लादेश के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध चाहता है, जिसे हाल की उच्च स्तरीय बैठकों में कई बार दोहराया गया है.
हालांकि, यह खेदजनक है कि बांग्लादेशी अधिकारियों के नियमित बयानों में भारत को नकारात्मक रूप में पेश किया जाता है तथा आंतरिक समस्याओं के लिए हमें दोषी ठहराया जाता है. जायसवाल ने कहा, ष्बांग्लादेश की ओर से दिए गए ये बयान वास्तव में निरंतर नकारात्मकता के लिए जिम्मेदार हैं.ष् उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की टिप्पणी उनकी निजी हैसियत में थी, जिसमें भारत की कोई भूमिका नहीं है.
इसे भारत सरकार की स्थिति के साथ जोड़ना द्विपक्षीय संबंधों के लिए सकारात्मक या लाभकारी नहीं होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत सरकार पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों के लिए प्रयास करेगी, तथा हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना बांग्लादेश से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद करते हैं.’’