बनारस: मुस्लिम महिलाओं ने पीएम मोदी के लिए गाया फाग, खेली होली, बोलीं ‘ये हमारे पुरखों का त्योहार’

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 12-03-2025
Banaras: Muslim women sang phaag for PM Modi, played Holi, said 'This is the festival of our ancestors'
Banaras: Muslim women sang phaag for PM Modi, played Holi, said 'This is the festival of our ancestors'

 

वाराणसी. बनारस को गंगा-जमुनह तहजीब का शहर कहा जाता है. यही वजह है कि होली, दीपावली हो या फिर ईद, यहां हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग सौहार्द के साथ त्योहार मनाते हैं. कुछ ऐसी ही तस्वीर बनारस में होली पर नजर आ रही है, जहां मुस्लिम महिलाएं एक दूसरे को गुलाल लगाने के साथ पीएम मोदी के लिए फाग गा रही हैं और होली खेल रही है.

होली के मौके पर धर्म नगरी काशी में एक बार फिर गंगा जमुनी एकता की अद्भुत तस्वीर देखने को मिल रही है. मुस्लिम महिलाओं ने जमकर होली खेली, गुलाल, पुष्प और लोकगीत के मिश्रण ने पूरे माहौल में रंग से भर दिया.

बता दें कि, मुस्लिम महिला फाउण्डेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाओं का होली उत्सव लमही के सुभाष भवन में आयोजित किया गया. इस मौके पर दर्जनों हिंदू-मुस्लिम महिलाओं ने एक दूसरे को गुलाल लगाया.

मुस्लिम महिला फाउन्डेशन की नाजनीन अंसारी ने बताया कि यह हम लोगों के लिए सिर्फ होली का त्योहार नहीं बल्कि, आपसी भाईचारे को मजबूत बनाने का त्योहार होता है. हम सभी मुस्लिम महिलाएं हिंदू बहनों के साथ मिलकर आपसी एकता को मजबूत करते हैं.

उन्होंने बताया कि, हम सभी महिलाओं ने गुलाब की पंखुड़ियां, हरे लाल गुलाल होली खेली, “होली खेले रघुराई अवध में, कृष्ण कन्हाई गोकुल में हो” जैसे लोकगीत गाए और लोगों को ये बताया कि, ये हमारे पुरखों का त्योहार है, नफरत की आग लगाने वाले कट्टरपंथियों का कोई भी प्रभाव हम सबके ऊपर नहीं है, न उनकी धमकियों से हम डरे हैं. हम मुस्लिम महिलाएं ये खुलेआम एलान करते हैं कि हम होली भी खेलेंगे और जन्नत भी जाएंगे.

मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि दरअसल कट्टरपंथी मौलानाओं ने सबको जन्नत भेजने का ठेका ले रखा है. इसलिए हर किसी की जिन्दगी में दखल देकर यह बताते रहते और धमकी देते हैं कि क्या करने से मुसलमान जन्नत जाएगा और क्या करने से नहीं जाएगा. उसी में यह अफवाह किसी ने फैला दी है कि जो मुसलमान होली पर रंग लगाएगा, उतना मांस उसका जन्नत में काट लिया जाएगा, लेकिन ये कहीं से भी उचित नहीं है. जो प्रेम, आपसी सद्भाव और ईमानदारी के साथ रहेगा, वह हमेशा जन्नत में जाएगा.

बताते चलें कि पिछले कई साल से ये हिंदू मुस्लिम महिलाएं एक दूसरे के साथ होली खेलती हैं. होली का यह आयोजन जहां कट्टरपंथियों को करारा जवाब देता है तो वहीं उन मुसलमानों के लिए भी एक संदेश है जो रंगों से परहेज की बात करते हैं.