आवाज-द वॉयस / वाराणसी
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास की मांस, मछली और मुर्गी की दुकानों को शुक्रवार को अवैध घोषित कर बंद कर दिया गया. नगर निगम प्रशासन ने मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए 26 दुकानों को बंद कर सील कर दिया है.
नगर निगम की अचानक हुई कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया. इसी साल जनवरी में नगर निगम सदन की बैठक में काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया था. इस आदेश के सिलसिले में शुक्रवार को पशु एवं चिकित्सा कल्याण अधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीमें नई सड़क, बिन्या, शेख सलीम गेट, सराय गोवर्धन आदि क्षेत्रों में पहुंचीं. यहां मांस की दुकानों को अवैध घोषित कर बंद करना शुरू कर दिया गया.
अचानक हुई कार्रवाई का लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन किसी ने कुछ आपत्तिजनक नहीं किया. फिलहाल टीम काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने स्थित दालमंडी नहीं पहुंची है. कहा जा रहा है कि जल्द ही दल दलमंडी में भी दल-बल के साथ धमक सकती है.
अकेले दालमंडी में दो दर्जन से अधिक मांस की दुकानें हैं. गलियों में स्थित दालमंडी पूर्वांचल की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ों की मंडी है. नगर निगम ने दुकानें बंद करने और उनके आगे ताले लगाने के साथ ही कई दुकानों के शटर पर नोटिस भी चस्पा कर दिया है. इस पर लिखा है कि यह चिकन मीट की दुकान अवैध है. इसे आज 1 मार्च को बंद कर दिया गया है.
मीट विक्रेताओं का कहना है कि हमारी दुकानें कई साल पुरानी हैं. हम मानकों का पूरी तरह से पालन करते हैं. अब नई जगह पर दुकान लगाना आसान नहीं होगा. अधिकारियों ने बताया कि इस प्रस्ताव को हाल ही में सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई और निर्णय लिया गया कि काशी विश्वनाथ क्षेत्र में, जहां भी मांस, मछली आदि नॉनवेज की दुकानें होंगी, उन्हें अवैध माना जाएगा. इसी के तहत आज कार्रवाई की जा रही है.
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