मुंबई
एक बड़ा खुलासा हुआ है. हत्या के आरोपी बाबा सिद्दीकी की दो महीने से रेकी कर रहे थे, पर मुंबई पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग सकी. मुंबई पुलिस ने एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
निर्मल नगर पुलिस स्टेशन में अपराध पंजीकरण संख्या 589/2024 के तहत आईपीसी की धारा 103(1), 109, 125 और 3(5), शस्त्र अधिनियम की धारा 3, 25, 5 और 27 तथा महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37 और 137 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता (अजित पवार गुट) बाबा सिद्दीकी को बांद्रा के निर्मल नगर के पास अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी थी, जिसके बाद शनिवार देर रात लीलावती अस्पताल में उनकी मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनकी योजना के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान हरियाणा के गुरमेल सिंह और उत्तर प्रदेश के धर्मराज कश्यप के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक, ये आरोपी पिछले कुछ समय से मुंबई में थे. सिद्दीकी पर लगातार नजर रख रहे थे. उन्होंने सिद्दीकी के घर और दफ्तर की रेकी भी की थी. लगभग डेढ़ से दो महीने से उनकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे.
पुलिस ने बताया कि तीसरे आरोपी की तलाश जारी है और मुंबई क्राइम ब्रांच की कई टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह भी पता चला है कि उन्हें इस काम के लिए पहले ही पैसे दिए गए थे.
मुंबई क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले आठ घंटे से आरोपियों से पूछताछ की है. इस बीच, एनसीपी ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद 13 अक्टूबर के लिए निर्धारित अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. एनसीपी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "हमारे साथी बाबा सिद्दीकी की दुखद हत्या के मद्देनजर, 13 अक्टूबर के सभी कार्यक्रम रद्द किए जा रहे हैं."
रविवार की सुबह, मुंबई पुलिस ने सिद्दीकी के शव को लीलावती अस्पताल से कूपर अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए स्थानांतरित कर दिया. सिद्दीकी, जो बांद्रा पश्चिम से तीन बार विधायक रहे, इस साल फरवरी में कांग्रेस से इस्तीफा देकर अजित पवार की एनसीपी में शामिल हुए थे. शनिवार शाम को अज्ञात हमलावरों ने उन्हें गोली मारी थी.
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा कि दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक अभी भी फरार है. डॉक्टरों के अनुसार, बाबा सिद्दीकी को सीने में दो गोलियां लगी थीं, जिसके बाद उन्हें तत्काल इलाज के लिए लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.