औरंगजेब की कब्र पर विवाद: नागपुर में हिंसक झड़पों में 20 घायल, निषेधाज्ञा लागू

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 18-03-2025
Aurangzeb's tomb dispute: 20 injured in violent clashes in Nagpur, prohibitory orders imposed
Aurangzeb's tomb dispute: 20 injured in violent clashes in Nagpur, prohibitory orders imposed

 

नागपुर

महाराष्ट्र के संभाजीनगर में मुगल बादशाह औरंगजेब की समाधि को हटाने की मांग को लेकर चल रहे विवाद के बीच नागपुर में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं, जिससे इलाके में अफरातफरी मच गई। पुलिस के मुताबिक, इस झड़प में 15 पुलिसकर्मियों समेत करीब 20 लोग घायल हुए हैं।

तनाव के कारण और झड़प का घटनाक्रम

सोमवार को नागपुर के शिवाजी चौक और महल इलाके में हिंदू संगठनों द्वारा औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ था, लेकिन शाम होते-होते स्थिति बिगड़ गई। पुलिस के अनुसार, किसी अफवाह के बाद दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया।

झड़प के दौरान उपद्रवियों ने 25 से अधिक दोपहिया वाहनों और तीन कारों को आग के हवाले कर दिया। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, और पूरे इलाके में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी गई है।

प्रशासन का रुख और कार्रवाई

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा पर कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों को उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, "नागपुर शांतिप्रिय शहर है, यहां कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आदेश दिया गया है।"

नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र सिंघल ने बताया कि हिंसा भड़काने के आरोप में 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है और सीसीटीवी फुटेज की मदद से अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है। उन्होंने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की।

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं

नागपुर में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक दलों की भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

  • भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच कराएगी।

  • महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि गृह विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है। उन्होंने कहा, "कुछ नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों ने हालात को और बिगाड़ दिया।"

  • शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हो रही है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा?

इलाके के कुछ निवासियों ने बताया कि शाम के समय माहौल अचानक गरमा गया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "हमारे इलाके में अचानक भीड़ जुटी और दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी शुरू हो गई। कुछ ही देर में माहौल बिगड़ गया और लोग पथराव करने लगे।"

वहीं, एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते हिंसा बढ़ गई। उन्होंने कहा, "अगर पुलिस पहले ही सही कदम उठा लेती, तो यह हिंसा रोकी जा सकती थी।"

पुलिस की आगे की रणनीति

पुलिस अब शहर में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए सख्त कदम उठा रही है। नागपुर ग्रामीण पुलिस को भी सहायता के लिए बुलाया गया है और साइबर पुलिस अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए सोशल मीडिया पर नजर रख रही है।

पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र सिंघल ने कहा, "शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। नागरिकों से अपील है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और कानून को अपने हाथ में न लें।"

नागपुर में हुई यह हिंसक झड़प प्रशासन और कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। स्थिति अब नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन नागपुर के नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। पुलिस जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।