हैदराबाद. शंभाजी नगर से औरंगजेब की कब्र हटाने की वीएचपी और अन्य संगठनों द्वारा की जा रही मांगों के बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने बुधवार को कहा कि मुगल बादशाह आज के समय में ‘प्रासंगिक नहीं’ हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा को हतोत्साहित किया जाता है.
आंबेकर ने कहा, ‘‘औरंगजेब आज प्रासंगिक नहीं हैं. किसी भी तरह की हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया जाता.’’
आरएसएस का यह रुख ऐसे समय में आया है, जब औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग और उससे जुड़ी विभिन्न अफवाहों को लेकर नागपुर में भड़की हिंसा के बाद तनाव चरम पर है.
पुलिस ने बताया कि 17 मार्च को भड़की हिंसक झड़पों के बाद नागपुर के दस पुलिस जिला क्षेत्रों में लगातार दूसरे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा और पचास लोगों को हिरासत में लिया गया है.
एएनआई से बात करते हुए डीसीपी राहुल मकनीकर ने कहा, ‘‘स्थिति नियंत्रण में है. जांच चल रही है. हमने 10 टीमें बनाई हैं. हमने अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया है.’’
इस बीच, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय (जेएमएफसी) ने नागपुर हिंसा मामले में 19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. कल गणेशपेठ पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश किया.
इससे पहले आज, महाराष्ट्र के कनिष्ठ गृह (शहरी) मंत्री योगेश कदम ने नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) स्तर के अधिकारियों और अन्य पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सुनील आंबेकर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब आरएसएस अपनी शताब्दी मनाने की तैयारी कर रहा है, जिसके दौरान संगठन अपनी शाखा इकाइयों के विस्तार का आकलन करेगा.
आंबेकर ने कहा, ‘‘इस साल विजयादशमी के अवसर पर आरएसएस 100 साल पूरे करेगा. शताब्दी वर्ष 2025-26 तक मनाया जाएगा. शाखा के विस्तार और इसे कैसे हासिल किया गया - इसका आकलन किया जाएगा. निर्धारित लक्ष्यों का आकलन किया जाएगा.’’
आंबेकर ने कहा, ‘‘पंच परिवर्तन (परिवर्तन के पांच पहलू) - परिवार जागरण, सामाजिक जुड़ाव, नागरिक जागरूकता, अन्य बातों के अलावा लोगों की भागीदारी बढ़ाने की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी.’’
शताब्दी समारोह के दौरान, सुनील आंबेकर ने बताया कि संघ राष्ट्रीय विकास को ध्यान में रखते हुए संगठन के भविष्य के रोडमैप पर चर्चा करने की योजना बना रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘कार्यकर्ता इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि राष्ट्रीय विकास के हित में क्या किया जा सकता है. दो प्रस्ताव हैं बांग्लादेश की स्थिति और भविष्य में क्या किया जाना चाहिए - आरएसएस की 100 साल की यात्रा और संघ के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के बारे में.’’
उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव दत्तात्रेय होसबोले चर्चा में भाग लेंगे, उन्होंने कहा कि 40 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएंगी.
आंबेकर ने कहा, ‘‘40 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएंगी, और शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में 40-60 वर्ष के बीच की एक और कक्षा आयोजित की जाएगी. इस बैठक में मोहन भागवत, होसबोले और अन्य वरिष्ठ नेता चर्चा का हिस्सा होंगे.’’
दूरदराज के क्षेत्रों में आरएसएस की पहुंच के बारे में बात करते हुए, आरएसएस प्रवक्ता ने कहा कि अधिक युवा संघ में शामिल हो रहे हैं.
अम्बेकर ने कहा, ‘‘आंकड़े अपने आप में सब कुछ बयां कर रहे हैं. अगर वे हम तक शारीरिक रूप से नहीं पहुंच पाते हैं तो युवा हमारी वेबसाइट के माध्यम से हमसे संपर्क कर रहे हैं और आरएसएस में शामिल होने के लिए कह रहे हैं.’’