गुवाहाटी (असम)
पिछले एक महीने में असम में आई भीषण बाढ़ ने पूरे राज्य में 58 लोगों की जान ले ली.एएसडीएमए के अनुसार, शनिवार को छह और लोगों की जान चली गई, जिससे राज्य में मरने वालों की संख्या 52 से बढ़कर 58 हो गई.
धुबरी सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िला है. उसके बाद कछार और दरांग हैं.विनाशकारी बाढ़ के पानी के कारण कई लोगों की जान चली गई. बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा. सड़कें बंद हो गईं. फसलें बर्बाद हो गईं और पशुधन की हानि हुई. सैकड़ों लोग बेघर और बेबस हो गए हैं.
एएसडीएमए की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, 6 जुलाई को चराईदेव जिले में दो लोग बाढ़ के पानी में डूब गए, जबकि गोलपारा, मोरीगांव, सोनितपुर और तिनसुकिया जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई.
शनिवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन 29 जिलों में 2.396 मिलियन से अधिक लोग बाढ़ की दूसरी लहर से प्रभावित हैं. धुबरी सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 797,918 लोग प्रभावित हैं.
इसके बाद कछार में 175,231 लोग, दरांग में 163,218 , बारपेटा में 131,246, गोलाघाट में 109,470, नलबाड़ी में 105,372 और दक्षिण सलमारा जिले में 100,926 लोग प्रभावित हैं.
बाढ़ के पानी ने 107 राजस्व सर्किलों के तहत 3,535 गांवों को जलमग्न कर दिया है . 68,768.5 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है. बाढ़ प्रभावित जिलों में धुबरी, कछार, हैलाकांडी, कामरूप, गोलपारा, चराईदेव, बिस्वनाथ, बारपेटा, नलबाड़ी, बोंगाईगांव, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, होजई, लखीमपुर, धेमाजी, दक्षिण सलमारा, नागांव, मोरीगांव, करीमगंज, चिरांग, कोकराझार, दरांग, शिवसागर, जोरहाट, सोनितपुर, कार्बी आंगलोंग, तिनसुकिया, माजुली और कामरूप (एम) शामिल हैं.
ब्रह्मपुत्र नदी सहित 10 नदियाँ उफान पर हैं . कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.ब्रह्मपुत्र नदी का जल स्तर नेमाटीघाट, तेजपुर, धुबरी और गोलपारा में खतरे के निशान से ऊपर है.
27 जिलों में 577 राहत शिविरों और वितरण केंद्रों में 526,000 से अधिक लोग शरण ले रहे हैं.रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ से 1,549,161 जानवर प्रभावित हुए हैं.उधर, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ में छह गैंडों समेत 114 जंगली जानवरों की मौत हो गई है.
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की फील्ड डायरेक्टर सोनाली घोष ने बताया कि अब तक उद्यान में बाढ़ में 114 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है. उद्यान प्राधिकरण और वन विभाग ने जंगली जानवरों को भी बचाया है. राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन उद्यान के 66 वन शिविर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को गुवाहाटी के ज्योतिनगर इलाके का दौरा किया और अविनाश सरकार के माता-पिता से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की.