एशिया के सबसे पुराने समाचार पत्र, मुंबई समाचार ने अपनी समृद्ध विरासत को डिजिटल रूप में सहेजने का लिया निर्णय

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-04-2025
Asia's oldest newspaper, Mumbai Samachar, has decided to preserve its rich heritage in digital form
Asia's oldest newspaper, Mumbai Samachar, has decided to preserve its rich heritage in digital form

 

मुंबई

– एशिया का सबसे पुराना सक्रिय समाचार पत्र, मुंबई समाचार, जिसने 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गठन की रिपोर्ट की, अब अपनी समृद्ध विरासत को डिजिटल रूप से संरक्षित करने और दस्तावेजीकरण करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है.

1822 में पारसी विद्वान फरदुनजी मरज़बान द्वारा स्थापित यह समाचार पत्र अब अपनी शानदार यात्रा का नया अध्याय खोलने जा रहा है. इसके प्रबंधन ने गुजराती दैनिक की समृद्ध धरोहर को डिजिटल रूप से सहेजने और उसका दस्तावेजीकरण करने के लिए एक नई परियोजना शुरू की है.

मुंबई के हॉर्निमैन सर्किल में स्थित, यह समाचार पत्र अपने 203 वर्षों के इतिहास में कई उतार-चढ़ाव देख चुका है. इंटरनेट, समाचार ऐप्स और सोशल मीडिया के प्रसार के बाद, सदस्यता और पाठकों की संख्या में कमी आई, लेकिन इसने फिर भी अपनी यात्रा जारी रखी.

मुंबई समाचार के संपादक नीलेश दवे ने बताया, "हम अपने अभिलेखागार में पुरानी फाइलों को पुनर्स्थापित करने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ बातचीत कर रहे हैं, क्योंकि ये एक राष्ट्रीय धरोहर हैं.

इसके अलावा, हम एक वेबसाइट बनाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें पिछले 200 वर्षों में प्रकाशित लगभग 10,000 खबरें होंगी."उन्होंने यह भी बताया कि "1932 से 1947 तक की पुरानी प्रतियां हमारे पास सुरक्षित हैं, और कुछ प्रतियां 1857 तक की भी हैं, लेकिन वे खराब हालत में होने के कारण खोली नहीं जा सकतीं."

इसके अतिरिक्त, दवे ने कहा कि अखबार ने हाल ही में अपनी अंग्रेजी वेबसाइट शुरू की है और जल्द ही मराठी और हिंदी वेबसाइट भी लांच की जाएंगी. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मुंबई समाचार 200 नॉट आउट डॉक्यूमेंट्री का प्रीमियर 15 से 20 मई तक होने वाले कान फिल्म महोत्सव में किया जाएगा.

यह डॉक्यूमेंट्री केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सितंबर 2024 में मुंबई में रिलीज की गई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका ट्रेलर लॉन्च किया था.यह अखबार 1822 में श्री मुंबई ना समाचार के नाम से शुरू हुआ था, और शुरुआती दिनों में यह व्यापारियों, विशेष रूप से पारसी और मारवाड़ी समुदाय के लिए जानकारी का प्रमुख स्रोत था, जो बॉम्बे बंदरगाह पर आने वाले माल के बारे में जानकारी प्राप्त करते थे.

संस्थापक फरदुनजी मरज़बान, जो सूरत के निवासी थे, ने मुंबई में आकर बुक-बाइंडिंग की दुकान खोली और व्यापारी वर्ग के लिए एक समाचार पत्र की शुरुआत की.

अखबार के विज्ञापन राजस्व का मुख्य स्रोत व्यापारियों से मिलता था, जो अपने माल के बारे में जानकारी देते थे. इसके अलावा, समाजिक सेवा के रूप में इसने मुफ्त मृत्यु सूचना भी प्रकाशित की.

इस अखबार ने कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं को कवर किया, जिसमें 1857 के विद्रोह, पेशवा, तात्या टोपे, और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु शामिल थी.यह अखबार पहले साप्ताहिक था, फिर द्वि-साप्ताहिक हुआ और अंत में 1832 में दैनिक प्रकाशन के रूप में सामने आया. इसके हाथ से लिखी गई खबरें थीं, जो बाद में विशेष रूप से लंदन से लाई गई मशीन पर छपती थीं.

बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई किए जाने के बाद, 1995 में छगन भुजबल ने महाराष्ट्र विधानसभा में मुंबई समाचार की एक प्रति प्रदर्शित की थी, ताकि यह दिखाया जा सके कि शहर का नाम हमेशा मुंबई ही था.

संपादक नीलेश दवे ने यह भी बताया कि मुंबई समाचार 1975-77 के आपातकाल के दौरान सेंसरशिप से अप्रभावित रहा, जबकि अन्य समाचार पत्रों को दबाव का सामना करना पड़ा था.

दवे ने कहा, "हमने विपक्ष और सरकार दोनों की खबरें प्रकाशित कीं और तटस्थ रहते हुए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई.हमारे पास केवल एक संस्करण था, जो पूरे देश में उपलब्ध था."

अब, 203 साल पुराने इस अखबार ने अपनी विरासत को डिजिटल रूप में सहेजने का एक और कदम उठाया है, जिससे भविष्य में भी यह अपने पाठकों को समृद्ध इतिहास से जोड़े रख सके.