मौसम में सुधार होते ही चार धाम यात्रा में बढ़ने लगी भक्तों की तादाद

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 21-09-2024
As soon as the weather improved, the number of devotees started increasing in the Char Dham Yatra
As soon as the weather improved, the number of devotees started increasing in the Char Dham Yatra

 

देहरादून
 
इस साल 10 मई को शुरू हुई चार धाम यात्रा को पिछले महीने राज्य में आई आपदा के कारण रोकना पड़ा था. अब यात्रा ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है. जैसे-जैसे मौसम साफ हो रहा है, श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है. आपको बता दें कि सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक इस साल अब तक(21 सितंबर) 35 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चार धाम यात्रा कर चुके हैं.
 
रिकॉर्ड के मुताबिक, बद्रीनाथ धाम में अब तक 9,89,282 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. जबकि केदारनाथ धाम में 11,45,897 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. गंगोत्री धाम में अब तक 6 लाख 72592 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं. जबकि यमुनोत्री धाम में अब तक 5 लाख 83455 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. हेमकुंड साहिब में भी 1,66,503 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. इतना ही नहीं, अब चारधाम यात्रा पर जाने के लिए 60 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. पिछले साल 72 लाख तीर्थयात्रियों ने चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, जबकि साल 2023 में 56 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे.
 
बता दें कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा शुरू होने के एक महीने बाद यानि 19 जून तक कुल 24.60 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चार धाम के दर्शन कर चुके थे. इसके बाद मौसम खराब होने की वजह से यात्रा कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दी गई थी. इसके बाद अगस्त से श्रद्धालुओं का जाना शुरू हुआ. अब यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी है.
 
उत्तराखंड सरकार तीर्थयात्रियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है. तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. यात्रा मार्ग पर पेयजल की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई गई है और तीर्थयात्रियों के ठहरने और खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है. तीर्थयात्रियों को सभी धामों में जाने में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो रही है. तीर्थयात्रियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने और मानसून सीजन में सभी समस्याओं से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग और पर्यटन विभाग ने आपस में समन्वय स्थापित कर सभी जिलों को एसओपी भेज दी है.