मलेशिया और भारत की सेना ने शुरू किया एक्सरसाइज 'हरिमाउ शक्ति-2023'

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 23-10-2023
Army of Malaysia and India started exercise 'Harimau Shakti-2023'
Army of Malaysia and India started exercise 'Harimau Shakti-2023'

 

नई दिल्ली. भारत और मलेशिया की सेना के बीच संयुक्त द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास 'एक्सरसाइज हरिमाउ शक्ति 2023' सोमवार को भारत के उमरोई छावनी में शुरू हुआ. भारत और मलेशिया की सेनाओ के बीच हो रहे इस अभ्यास में ड्रोन, यूएवी और हेलीकॉप्टरों का भी उपयोग किया जाएगा. भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस महत्वपूर्ण अभ्यास में दोनों देश की सीन जंगल, अर्धशहरी, शहरी परिवेश में संयुक्त बलों के नियोजन का पूर्वाभ्यास करेंगी.

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा, खुफिया जानकारी एकत्र करने, मिलान और प्रसार अभ्यास का भी पूर्वाभ्यास किया जाएगा. दोनों पक्ष घायलों के प्रबंधन और युद्ध क्षेत्र में घायल हुए जवानों को सुरक्षित जगह ले जाने का भी अभ्यास करेंगे. दोनों दल बटालियन स्तर पर लॉजिस्टिक्स प्रबंधन और सर्वाइवल प्रशिक्षण अभ्यास पर चर्चा करेंगे.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह प्रशिक्षण अभ्‍यास मुख्य रूप से उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, सामरिक स्तर पर अभ्यास आयोजित करने और एक दूसरे के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर केंद्रित होगा. यह अभ्यास अर्ध-शहरी क्षेत्र में 48 घंटे के लंबे सत्यापन अभ्यास के साथ समाप्त होगा.

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को इस संबंध में और जानकारी देते हुए बताया कि 'एक्सरसाइज हरिमाउ शक्ति 2023' का उद्देश्य भारतीय सेना और मलेशियाई सेना के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाना है, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को भी बढ़ावा देगा.

मलेशियाई सेना की टुकड़ी में मलेशियाई सेना की 5वीं रॉयल बटालियन के सैनिक शामिल हैं. भारतीय दल का प्रतिनिधित्व राजपूत रेजिमेंट की एक बटालियन कर रही है. इस अभ्यास का पिछला संस्करण नवंबर 2022 में पुलाई, क्लुआंग, मलेशिया में आयोजित किया गया था.

"एक्सरसाइज हरिमाउ शक्ति 2023" 5 नवंबर 2023 तक चलेगा. इसमें भारत और मलेशिया की सेना के लगभग 120 जवान शामिल होंगे. इसका उद्देश्य उप-पारंपरिक परिदृश्य में मल्टी डोमेन ऑपरेशन के संचालन के लिए सैन्य क्षमता को बढ़ाना है. प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान, दोनों पक्ष एक संयुक्त कमान पोस्ट स्थापित करेंगे और एक संयुक्त निगरानी केंद्र के साथ एक एकीकृत निगरानी ग्रिड बनाएंगे.