राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
नवनियुक्त भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को हिंदू, बौद्ध, इस्लाम, ईसाई और सिख धर्म के धार्मिक ग्रंथ दिए गए. धार्मिक पुस्तकें उनकी मूल इकाई, 18 जम्मू कश्मीर राइफल्स द्वारा दी गई हैं.
भारतीय सेना में सभी धर्मों का समान सम्मान किए जाने की परंपरा है. सेना में धर्म के आधार पर किसी जवान या अधिकारी से कोई भेदभाव नहीं होता है. इसीलिए उन्हें 18 जम्मू कश्मीर राइफल्स द्वारा सभी धर्म ग्रंथ भेंट किए गए.
Indian Army Chief General Upendra Dwivedi given religious texts of Hindu, Buddhism, Islam, Christianity, & Sikhism. The religious books are given by his parent unit, 18 JAKRIF @WIONews https://t.co/KVy6gmpFy3 pic.twitter.com/spr2QWfUww
— Sidhant Sibal (@sidhant) July 1, 2024
सैनिकों की धार्मिक आस्था के अनुरूप धर्माचार्यों की भी नियुक्ति की जाती है. इसी आधार पर, जनरल उपेंद्र द्विवेदी का साउथ ब्लॉक में औपचारिक स्वागत से पहले हिंदू, बौद्ध, इस्लाम, ईसाई और सिख धर्म के धर्माचार्यों ने स्वागत किया.
Indian Army Chief General Upendra Dwivedi welcomed by leaders of all religions ahead of his ceremonial welcome at South Block @WIONews pic.twitter.com/iF11uSNy5q
— Sidhant Sibal (@sidhant) July 1, 2024
सीओएएस जनरल उपेंद्र द्विवेदी को सोमवार सुबह राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उन्होंने रविवार को 30वें सेनाध्यक्ष (सीओएएस) के रूप में पदभार ग्रहण किया, उन्होंने जनरल मनोज सी. पांडे, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम का स्थान लिया.
समारोह के बाद जनरल द्विवेदी को सम्मान के तौर पर अपने भाई और अन्य रिश्तेदारों के पैर छूते देखा गया. मीडिया को संबोधित करते हुए, नए सेनाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय सेना का नेतृत्व करना उनके लिए बहुत गर्व और सम्मान का क्षण है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की “परंपरा” “हमारे जवानों के बलिदान और योगदान” पर आधारित है.
उन्होंने उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने कर्तव्य की राह पर अपने प्राणों की आहुति दी है. उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक समीकरण बदल रहे हैं और लड़ाइयाँ एक नया रूप ले रही हैं. जनरल द्विवेदी ने कहा, “हमें न केवल इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है, बल्कि जवानों को आधुनिक हथियारों और नए जमाने की तकनीक से लैस करके युद्ध प्रणालियों और रणनीतियों में भी सुधार करना होगा.”
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रही है, साथ ही उन्होंने कहा कि सेना हमेशा ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सेना स्वदेशी पहल को प्रोत्साहित करेगी और स्वदेशी युद्ध प्रणालियों और उपकरणों को शामिल करेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा प्रयास होगा कि भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना तथा अन्य हितधारकों के बीच तालमेल के साथ हम संघर्ष के हर पहलू के तहत संचालन के लिए हमेशा तैयार रहेंगे.’’
जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘मैं देश और सभी भारतीयों को आश्वस्त करता हूं कि भारतीय सेना सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार और सक्षम है.’’
मीडिया को संबोधित करने के बाद जनरल द्विवेदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.
रक्षा मंत्रालय ने 11 जून को सेना प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति की घोषणा की. वे इस पद को संभालने वाले जम्मू और कश्मीर राइफल्स (जेएकेआरआईएफ) के पहले अधिकारी हैं. रेजिमेंट का सीधा संबंध जम्मू और कश्मीर के डोगरा शासकों के पूर्व राजघराने से है. सरकार ने कहा कि उनके 40 साल के करियर में कई कमांड, स्टाफ, इंस्ट्रक्शनल और विदेशी पोस्टिंग शामिल हैं. जनरल द्विवेदी ने ऐसे समय में 13 लाख जवानों वाली सेना की कमान संभाली है, जब भारत चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) सहित विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है.