नई दिल्ली/श्रीनगर
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी आज श्रीनगर का दौरा करें.। दौरे का उद्देश्य कश्मीर घाटी की वर्तमान सुरक्षा स्थिति का जायज़ा लेना और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श करना है.
रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, सेना प्रमुख न केवल श्रीनगर, बल्कि उधमपुर स्थित उत्तरी कमान मुख्यालय भी जाएंगे. इस दौरान वह सेना के वरिष्ठ कमांडरों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.
जनरल द्विवेदी, कश्मीर घाटी की आतंरिक सुरक्षा, नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे संघर्षविराम उल्लंघन के प्रयासों, और सीमापार आतंकवाद की स्थिति पर विशेष ध्यान देंगे.
यह दौरा 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घास के मैदान में हुए आतंकी हमले के ठीक बाद हो रहा है, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली पर्यटक की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। यह हमला पर्यटकों पर उस समय हुआ जब वे बैसरन में सैर कर रहे थे.
घटना के बाद देशभर में गहरा आक्रोश देखने को मिला है और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.
घटनाक्रम के बाद केंद्र सरकार ने कई निर्णायक कदम उठाए हैं:
अटारी सीमा पर एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया.
पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) को निलंबित कर दिया गया है.
पाकिस्तानी नागरिकों को 40 घंटे में भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
दोनों देशों के उच्चायोगों से रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों सहित अन्य अधिकारियों को वापस बुलाया गया है.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग के रक्षा/सैन्य सलाहकारों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
सरकार ने पहलगाम हमले के जवाब में 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि को भी रोक दिया है. यह अब तक की सबसे सख्त कूटनीतिक कार्रवाई मानी जा रही है.
घटना के विरोध में देशभर के कई शहरों में प्रदर्शन, पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी और कड़ी जवाबी कार्रवाई की मांग देखने को मिल रही है. आम जनता और राजनीतिक दल इस हमले को राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता पर सीधा हमला मान रहे हैं.