अजमेर. राजस्थान की अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ में टीम इंडिया की जीत के लिए विशेष दुआ मांगी गई. दरगाह के आहाता-ए-नूर और जन्नती दरवाजे पर मुस्लिम समाज के लोगों ने बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ प्रार्थना की.
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के आस्था और श्रद्धा का केंद्र है. यहां हर धर्म, जाति और समुदाय के लोग अपनी मन्नतें लेकर आते हैं, जब भी कोई बड़ा आयोजन या चुनौतीपूर्ण स्थिति होती है, लोग यहां दुआ मांगने पहुंचते हैं. इसी परंपरा के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले इस हाई-वोल्टेज मुकाबले से पहले टीम इंडिया की जीत के लिए दुआ की गई.
दरगाह के खादिमों और स्थानीय मुस्लिम समाज के लोगो आहाता-ए-नूर में एकत्र होकर फातेहा पढ़ी और भारत की विजय के लिए प्रार्थना की. साथ ही, जन्नती दरवाजे पर भी विशेष दुआ का आयोजन किया गया, जहां लोग अपनी मुरादें मांगते हैं.
क्रिकेट भारत में केवल एक खेल नहीं बल्कि एक भावना है, जो लोगों को एकजुट करता है. जब भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होता है, तो यह सिर्फ एक खेल नहीं रहता, बल्कि जुनून का रूप ले लेता है. इसी भावना के तहत, अजमेर के मुस्लिम समाज के लोग टीम इंडिया के लिए समर्थन प्रकट करने और उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए दरगाह पहुंचे. स्थानीय लोगों का मानना है कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर मांगी गई दुआएं कभी खाली नहीं जातीं.
वे यहां आकर अपने खिलाड़ियों की सफलता की कामना करते हैं ताकि भारत का नाम रोशन हो और विश्व कप की ट्रॉफी देश में आए. खेल नफरत और बंटवारे से ऊपर है. भारत-पाकिस्तान मैच के नाम पर अक्सर तनाव की खबरें आती हैं लेकिन अजमेर में हुई इस प्रार्थना ने संदेश दिया कि खेल सद्भाव, एकता और भाईचारे का प्रतीक हो सकता है. यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर देश के लिए प्रार्थना की. इस मौके पर दरगाह के खादिमों और मौजूद लोगों ने कहा कि भारतीय टीम को जीत मिले दिल से दुआ मांगी हैं.