एआईएमपीएलबी का ऐलान काली पट्टी पहन कर अदा करें नमाज, बीजेपी विधायक बोले, 'विद्वान बताएं ये सही या गलत'

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-03-2025
Rameshwar Sharma
Rameshwar Sharma

 

भोपाल. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा काली पट्टी बांधकर नमाज अदा करने के ऐलान पर मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा कि ये उनका धार्मिक मामला है हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है. शर्मा ने जेल में खुली मुलाकात को लेकर कांग्रेस की आपत्ति को भी गैर जरूरी बताया.

न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में शर्मा ने कहा, “मुझे पता है कि इस्लाम कुरान के हिसाब से चलता है. अगर कुरान में लिखा है कि काली पट्टी लगाकर नमाज पढ़नी चाहिए, तो वे लगाएं, हमें कोई दिक्कत नहीं. लेकिन अगर कुरान में ऐसा नहीं लिखा, तो इस्लाम के विद्वानों को बताना चाहिए कि यह सही है या गलत. यह उनका धार्मिक मामला है. वे नमाज कैसे पढ़ना चाहते हैं, यह उनकी आजादी है. हमें कोई आपत्ति नहीं.”

शर्मा ने साफ किया कि वे किसी की धार्मिक स्वतंत्रता में दखल नहीं देना चाहते, लेकिन नियमों की बात कुरान से मिलनी चाहिए. किसी के धार्मिक कार्यक्रम में दखल देने की उनकी मंशा नहीं है, लेकिन सड़कों का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए.

भाजपा नेता ने आगे कहा, “हम किसी की नमाज में रुकावट नहीं डालना चाहते, लेकिन सड़कें सबके लिए हैं. ये आम लोगों के चलने, बीमारों के लिए एम्बुलेंस ले जाने और आपात स्थिति में फायर ब्रिगेड के लिए बनी हैं. अगर सड़क पर नमाज पढ़ते वक्त कोई खुशी का मौका हो या कोई मुसीबत में फंस जाए, तो क्या होगा? इसलिए नमाज के लिए जो जगह तय है, वहां पढ़ना बेहतर है. सड़क चलने के लिए है.”

उन्होंने आगे कहा, “लाखों-करोड़ों लोग सड़कों पर चलते हैं. अगर जाम की स्थिति बनती है, तो सरकार या प्रशासन दूसरा रास्ता ढूंढता है. लेकिन जानबूझकर बिना बताए सड़क जाम करना ठीक नहीं. यह अपराध की तरह है.”

इस बीच एक और मुद्दे को लेकर हंगामा मचा हुआ है. दरअसल, भोपाल सेंट्रल जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से खुली मुलाकात पर रोक लगा दी है, इसे कांग्रेस ने भेदभाव पूर्ण रवैया करार दिया है.

इस पर शर्मा ने तंज कसते हुए कहा, “जेल में अगर सिमी जैसे आतंकवादी बंद हैं और कांग्रेस उनसे मिलना चाहती है, तो उनके नेता आवेदन दें. प्रशासन उनकी व्यक्तिगत मुलाकात का इंतजाम कर सकता है. जेल में तीन जगह निर्माण कार्य चल रहा है, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से रोक लगाई गई है. अगर कांग्रेस को लगता है कि यह भेदभाव है, तो वे साफ करें कि वे आतंकवादियों या उनके दोस्तों से क्यों मिलना चाहते हैं. प्रशासन जरूरत पड़ने पर मुलाकात की व्यवस्था करेगा.”

उन्होंने कहा कि नियम सबके लिए बराबर हैं और कांग्रेस को बेवजह विवाद नहीं करना चाहिए.