नई दिल्ली
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने सोमवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान सभा को संबोधित करते हुए एआईएमपीएलबी के सदस्य सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि यह एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन है और प्रशासन को इसमें हमारा साथ देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आने वाले लोगों की बसों को रोकने के बारे में जानकारी मिली है.
इलियास ने आगे कहा कि सरकार को डरना नहीं चाहिए और अपने लोगों की आवाज सुननी चाहिए. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, "लोग यूपी और हरियाणा के कई जिलों से आ रहे थे लेकिन अब हमें जानकारी मिली है कि उनकी बसों को रोका जा रहा है. हमारा मानना है कि यह बहुत ही शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन है और प्रशासन को इसमें हमारा साथ देना चाहिए. सरकार को डरने की जरूरत नहीं है और उन्हें लोगों की आवाज सुननी चाहिए. अगर ऐसी कायर सरकार है जो अपने लोगों की आवाज नहीं सुन सकती तो उसे शासन करने का कोई अधिकार नहीं है."
दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए. वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति का हिस्सा रहे ओवैसी ने जेपीसी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ पार्टी के संशोधनों से वक्फ बोर्ड भंग हो जाएगा. मुजफ्फरनगर से आए एक प्रदर्शनकारी ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए लोगों से कहा कि उनके अधिकारों का हनन हो रहा है और वे वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने आए हैं. उन्होंने सोमवार को एएनआई से कहा, "हम मुजफ्फरनगर से आए हैं और वक्फ बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए हैं.
हम मांग करते हैं कि हमारे अधिकारों को छीना जा रहा है और हम संसद में पारित होने जा रहे बिल का विरोध करने आए हैं." मुजफ्फरनगर के एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि वह सरकार का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन अगर वे वक्फ मामले में हस्तक्षेप करते हैं तो वह इसके खिलाफ हैं. प्रदर्शनकारी ने कहा कि वक्फ की जमीन उन्हें उनके पूर्वजों ने दी है और सरकार इसे हड़पना चाहती है.
सोमवार को एएनआई से बात करते हुए प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम सरकार का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन अगर सरकार वक्फ बिल में हस्तक्षेप करती है, तो हम इसके खिलाफ हैं. वक्फ की जमीन हमें हमारे पूर्वजों ने दी है और यह हमारी अपनी जमीन है जिसे सरकार हड़पना चाहती है, इसलिए हम विरोध कर रहे हैं." पिछले महीने भाजपा सांसद और वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने छह महीने के राष्ट्रव्यापी विचार-विमर्श के बाद संसद में जेपीसी रिपोर्ट पेश की थी.