28 साल बाद मुस्लिम होटल के मालिक ने हिंदू परिवार का बेटा लौटाया

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 28-09-2024
After 28 years, Muslim hotel owner returned son of Hindu family
After 28 years, Muslim hotel owner returned son of Hindu family

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 
 
एक नवयुवक अपने सपनों को लेकर मुंबई नगरी में आया और अपने परिवार से 28 साल तक बिछड़ा रहा. मगर एक दिन उस लड़के को एक मसीहा मिला जिसने उसे उसके परिवार से मिलाया. अगर आप सोच रहे हैं कि ये एक शानदार फ़िल्मी कहानी की कोई हैप्पी एंडिंग है तो आपको बता दें कि ये एक सत्य घटना है जिसमें एक हिन्दू परिवार का लड़का एक मुस्लिम होटल मालिक के कारण अपने परिवार से वर्षों बाद मिल पाया.

मुंबई को सपनों की नगरी कहा जाता है. लोग अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए यहां आते हैं. यहां कुछ लोग अपनी मर्जी से आते हैं, जबकि कुछ मजबूरी में. कुछ वापस लौट जाते हैं, जबकि कुछ लोग कई सालों तक इंतजार करते रहते हैं.
 
ऐसी ही एक कहानी है मध्य प्रदेश के एक लड़के की, जिसने 17 साल की उम्र में घर से झगड़ा करके मुंबई जाने का फैसला किया. वहां जैसे-तैसे उसने अपना गुजारा किया लेकिनज घर वापस जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. 28 साल तक वह डर के कारण अपने परिवार से नहीं मिल सका. लेकिन कहते हैं न अंत भला तो सब भला. 28 साल बाद उसे मुंबई के एक मुस्लिम होटल के मालिक ने अपने परिवार से मिलवाया.
 
28 साल से घर से दूर रहे राजेश शिखावट ने कहा कि घर की हमेशा याद आती थी लेकिन हिम्मत नहीं होती थी जाने की, क्योंकि घर में भाई से झगड़ा करके मैं घर से भागकर मुम्बई आया था. क्लोरीया होटल के मालिक अब्बास ने कई बार मुझसे मेरे परिवार वालों के बारे में पूछा था जिसके बाद उन्होनें ही मुझे मेरे परिवार सी मिलाया है मैं और मेरा परीवार दिल से उनका शुक्रिया अदा करते हैं. 
 
राजेश शिखावट की घर वापसी के लिए उनके पिता, जीजा, छोटे भाई, बड़े भाई आदि रिश्तेदार मुम्बई के होटल क्लोरीया में पहुचें और होटल मालिक अब्बास को शुक्रिया कहा साथ ही अपने बेटे से इतने वर्षों के बाद मिलना उन्हें सपने जैसा लगा. 
 
राजेश शिखावट के पिता कहते हैं कि जब मेरा बीटा घर छोड़कर निकला तो हमने उसे खूब खोजै और उसकी तलाश की लेकिन वो हमे नहीं मिला. हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि हम अपने बेटे से कभी मिल भी पायेंगें लेकिन फेर एक दिन मुम्बई का एक आदमी हमारे घर आया और हमे हमारे बेटे की जानकारी दी उस समय हम सभी यकीन नहीं कर पाएं फेर हमने मुम्बई जाने का निर्णय किया जिसके बाद हमने अपने बेटे की शक्ल देखी और हमें यकीन हुआ कि इंसानियत अभी मरी नहीं है. 
 
जहां दुनिया में हिन्दू-मुस्लिम समुदाय में कई करवाहट घुली हुई है, यह एक सच्ची घटना इस बात का प्रतीक है कि भाईचारे, एकता और प्रेम से बड़ा कोई धर्म और मजहब नहीं है. 
 
28 साल से घर से दूर रहे राजेश शिखावट के जीजा ने बताया कि उनकी शादी के दो साल बाद ही राजेश घर से भाग गया था जिसके बाद उनके पास कई कॉल्स एते थे की राजेश यहां दिखा वाहन दिखा हम उम्मीद और आशा लिए वहां जाते भी थे लेकिन हमे सब जूथ मिला.
 
जब हमे मुंबई में राजेश शिखावत के होने की बात पता चली तो शबे पहले महमें वीडियो कॉल के जरिए ये बात पक्की की कि वो हमारा अपना राजेश ही है. इसके बाद हम इसे लेने यहां आए. 
 
अब, 28 साल बाद, वह लड़का इंदौर, मध्य प्रदेश में अपने घर और अपनी मां के पास पहुंच चुका है. जब मां ने अपने बेटे को 28 साल बाद देखा, तो उसकी आंखों में खुशी के आंसू थे. मां बार-बार उसे गले लगा रही थी और कह रही थी, "देखो, तुम्हारा राम लौट आया है." मां और बेटे की जोड़ी एक बार फिर 28 साल बाद मिल गई है.
 
जी हां, यह कहानी राजेंद्र शेखावत की है, जो अब अपने पिता से मिल रहा है. राजेंद्र का पता लगने के बाद, उन्हें लेने के लिए मुंबई में उनके पिता शंकर सिंह शेखावत और पूरा परिवार पहुंचा. ये तस्वीरें उस समय की हैं, जब राजेंद्र सिर्फ 17 साल का था और घर से भागकर मुंबई आया था। और यह हैं अब्बास भाई, जिन्होंने 28 साल बाद राजेंद्र शेखावत को उनके परिवार से मिलाने में मदद की.
 
28 सालों तक राजेंद्र अपने घर जाने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा सका? उसके परिवार ने इन 28 सालों में उसे कैसे ढूंढा, जबकि वे उम्मीद खो चुके थे?
 
होटल मालिक अब्बास के भाई उमर ने राजू यानी राजेश से पूछा था कि  तुम छुट्टे नहीं लेते कभी अपने गांव-घर भी नहीं जाते आखिर क्या बात है. इसपर साड़ी कहानी मालूम हुई और उन्होनें ही राजेश को हिम्मत दे की अगर जरुरत पडी तो हम सब तुम्हारे साथ हैं तुम हिम्मत करो और हम तुम्हें तुम्हारे परिवार से मिलवाएंगे.
 
इसके बाद हमारे फ़िरोज़ भाई है के इंदौर के मऊ में रहते हैं उनसे हमने सम्पर्क किया तो उन्होनें अपने दोस्तों को राजेश के घर भेजा और इसके बाद ये सारी घटना हुई जो आपके सामने आज हम सब खुश हैं. 
 
साभार: एबीपी न्यूज़