After the 48-hour ultimatum, Pakistanis gathered at Attari-Wagah border, a young man from Karachi told the story
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
Pahalgam Attack: गुरुवार की सुबह कई पाकिस्तानी परिवार अटारी-वाघा सड़क मार्ग से पड़ोसी देश लौटने के लिए अमृतसर स्थित आईसीपी पर पहुंचे.
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदम से भारत आने वाले कई पाकिस्तानी नागरिक गुरुवार को अमृतसर में अटारी-वाघा सड़क मार्ग से स्वदेश लौटने लगे. इसके एक दिन पहले केंद्र ने उन्हें देश छोड़ने के लिए 48 घंटे की समय-सीमा तय की थी. कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल बंद कर दिया है. इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने यह निर्णय लिया. बैठक में घोषणा की गई कि अटारी स्थित एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा और जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान गए हैं, वे 1 मई से पहले उस रास्ते से लौट सकते हैं. गुरुवार की सुबह कई पाकिस्तानी परिवार अटारी-वाघा भूमि मार्ग से पड़ोसी देश लौटने के लिए अमृतसर स्थित आईसीपी पर पहुंचे.
'लेकिन अब लौटना पड़ रहा'
कराची से आए एक परिवार ने बताया कि वे अपने रिश्तेदारों से मिलने दिल्ली गए थे. परिवार के एक सदस्य शेख फजल अहमद ने कहा कि हम 15 अप्रैल को यहां (भारत) आए थे और आज हम घर लौट रहे हैं, हालांकि हमारे पास 45 दिनों का वीजा था. पहलगाम हमले के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में अहमद ने कहा कि जिसने भी यह किया है, वह पूरी तरह गलत है. हम दोनों देशों के बीच आपसी भाईचारा और दोस्ती चाहते हैं. मंसूर ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक मुस्तफा ने कहा कि पहलगाम हमला कभी नहीं होना चाहिए था, लेकिन सभी पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने के लिए कहना सही फैसला नहीं था.
पाकिस्तान जाने के लिए वीजा वाले कुछ भारतीय नागरिक भी गुरुवार को आईसीपी पहुंचे, जिनमें गुजरात का एक परिवार भी शामिल था जो कराची में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाना चाहता था. परिवार के एक बुजुर्ग सदस्य ने कहा कि हमें दो महीने पहले वीजा मिला था. जब उन्हें बताया गया कि अटारी लैंड-ट्रांजिट पोस्ट बंद कर दी गई है, तो बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि अगर कहा जाए तो वे घर लौटने के लिए तैयार हैं. कानपुर निवासी सीमा ने कहा कि उन्हें अपनी बीमार बहन से मिलने के लिए कराची जाना है. मैं कराची जाना चाहती हूं. मेरे पास एक महीने का वीजा है. मेरी बहन चंदा आफताब की हालत बहुत गंभीर है.
पाकिस्तान को दिया जाए करारा जवाब
इस बीच अमृतसर घूमने आए कई भारतीय पर्यटकों ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और केंद्र से इस घटना के पीछे के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की. महाराष्ट्र के नांदेड़ से आए एक पर्यटक ने कहा कि पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाना चाहिए.