अमृतसर
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, अमृतसर के ठाकुरद्वारा मंदिर पर ग्रेनेड हमले के आरोपी को सोमवार को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी.मृतक की पहचान अमृतसर के बल गांव निवासी जगजीत सिंह के बेटे गुरसिदक के रूप में हुई है. वहीं, दूसरा आरोपी विशाल, राजू का बेटा और अमृतसर के राजासांसी का निवासी है, जो इस मुठभेड़ के दौरान मौके से फरार हो गया है.
सोमवार सुबह पंजाब पुलिस को अमृतसर के राजासांसी इलाके में ग्रेनेड हमले के दो आरोपियों के घूमने के बारे में एक विशेष खुफिया सूचना मिली. इस सूचना के आधार पर पुलिस टीम आरोपियों को पकड़ने के लिए मौके पर पहुंची. जब छेहरटा के स्टेशन हेड ऑफिसर (एसएचओ) ने मोटरसाइकिल पर सवार आरोपियों को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने वाहन छोड़ दिया और पुलिस पार्टी पर गोलियां चला दीं.
मुठभेड़ के दौरान हेड कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह घायल हो गए, जबकि दूसरी गोली इंस्पेक्टर अमोलक सिंह की पगड़ी पर लगी. आत्मरक्षा में इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने फायरिंग की और मुख्य आरोपी को घायल कर दिया. हालांकि, दूसरा आरोपी मौके से भागने में सफल हो गया. घायल कांस्टेबलों और आरोपियों को तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां गुरसिदक ने दम तोड़ दिया.
घटना के बाद एफआईआर पीएस एयरपोर्ट में दर्ज की जा रही है. 14 मार्च की रात को अमृतसर के खंडवाला में ठाकुरद्वारा मंदिर में ग्रेनेड फेंके जाने के बाद फोरेंसिक टीम ने मौके से नमूने एकत्र किए. सीसीटीवी फुटेज में मोटरसाइकिल सवार दो नकाबपोश व्यक्ति आधी रात के बाद मंदिर पर एक संदिग्ध वस्तु फेंकते हुए देखे गए, जिसका विस्फोटक होने का संदेह था.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों व्यक्ति मंदिर की ओर एक संदिग्ध वस्तु फेंकते हुए देखे गए, लेकिन इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और घटना की जांच शुरू की.
भा.ज.पा. के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि "कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है." उल्लेखनीय है कि ठाकुरद्वारा मंदिर में यह विस्फोट उस हमले के कुछ दिन बाद हुआ, जिसमें स्वर्ण मंदिर परिसर में एक हमलावर ने लोहे की रॉड से हमला किया था, जिससे कम से कम पांच लोग घायल हुए थे.
यह हमला श्री गुरु रामदास सराय में हुआ था, जो तीर्थयात्रियों के ठहरने की जगह है.