Oncologist refutes Sidhu's claims, says no magic formula has been created for cancer
नई दिल्ली
कैंसर विशेषज्ञों ने हाल ही में पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी के कैंसर से ठीक होने के दावों पर सवाल उठाए हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि कीमोथेरेपी, सर्जरी या रेडिएशन ही कैंसर के इलाज का आधार है. इस बीमारी पर कोई और जादुई फार्मूला काम नहीं करता.
बता दें कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि कैंसर से पीड़ित उनकी पत्नी बेहतर डाइट लेकर इस घातक बीमारी से ठीक हो गई हैं.
कैंसर विशेषज्ञों ने राज्यसभा के पूर्व सदस्य सिद्धू पर सनसनी फैलाने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
पंजाब के अमृतसर में हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर के स्तन कैंसर के इलाज में डाइट का अहम रोल बताया. उन्होंने बताया था कि डेयरी उत्पाद और चीनी न खाकर, खाने में गैप देकर, हल्दी और नीम का सेवन करके उनकी पत्नी कैंसर से बाहर आ गई है.
मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर के चेयरमैन डॉ. हरित चतुर्वेदी ने आईएएनएस को बताया, "कैंसर कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिसका इलाज किसी एक जादुई नुस्खे से किया सके. कैंसर का उपचार कैंसर के उपप्रकार, विशिष्ट जेनेटिक परिवर्तनों के आधार पर तय किया जाता है. कैंसर किस अंंग में है, यह कितनी तेजी से फैल रहा है इस पर भी काफी हद तक निर्भर करता है.''
सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. प्रीतम कटारिया ने कहा, "कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी, सर्जरी या रेडिएशन के जरिए होता है. यह इलाज की रीढ़ की हड्डी है. डाइट कंट्रोल के साथ प्राकृतिक तत्व इसके उपचार की जगह नहीं ले सकते."
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धू ने खुलासा किया कि उनकी पत्नी के बचने की संभावना 5 प्रतिशत बताई गई थी. हालांकि, उन्होंने साधारण आहार और जीवनशैली के नियमों का पालन करके स्टेज 4 कैंसर पर काबू पा लिया. सिद्धू के वायरल वीडियो के बाद ऑन्कोलॉजिस्ट ने दावा किया कि उन्होंने इस बीमारी के बारे में लोगों को गुमराह करके समाज को बहुत नुकसान पहुंचाया है, जो भारत में हर साल 9 लाख से अधिक लोगों की जान लेती है.
गौरतलब है कि सिद्धू ने जून में ट्वीट किया था कि कौर यमुनानगर के वरयाम सिंह अस्पताल में डॉ. रूपिंदर बत्रा (पूर्व टाटा मेमोरियल ऑन्कोलॉजिस्ट) की निगरानी में सफलतापूर्वक कीमोथेरेपी सेशन करवा रही हैं.
लिंक्डइन पर पोस्ट किए गए एक ओपन लेटर में, दिल्ली के एम्स में डॉ. बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर अस्पताल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिषेक शंकर ने पूर्व क्रिकेटर पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया.
शंकर ने कहा, "जब भारत में कैंसर की देखभाल को बढ़ावा देने के लिए आम जनता के बीच मिथक को दूर करने की बात आती है, तो आप जैसे सार्वजनिक व्यक्ति से बहुत उम्मीद की जाती है. सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, भारत में हर साल 9 लाख से अधिक लोग कैंसर से मर रहे हैं.''
शंकर ने कहा, "आम जनता आपकी सलाह को गंभीरता से अपनाने से ठीक होने के बेहतरीन अवसरों को खो सकती है."
उन्होंने कहा कि नीम और हल्दी के संभावित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि वे कैंसर को ठीक कर सकते हैं.
सीके बिड़ला अस्पताल, दिल्ली में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. मंदीप सिंह मल्होत्रा ने आईएएनएस को बताया, "केवल आहार के माध्यम से कैंसर को ठीक करने के दावों में वैज्ञानिक मान्यता का अभाव है. उपचार में एक तरह की डाइट को स्थान दिया जाना चाहिए मगर इस बीमारी के समाधान के रूप में नहीं.''
डॉक्टर चतुर्वेदी ने कहा, "हम लोगों से अपील करते हैं कि वे ऐसी कहानियों से गुमराह न हों जिनमें वैज्ञानिक और डेटा जांच का अभाव है. इस तरह के किस्से आम तौर पर किसी अच्छे उद्देश्य के लिए ईमानदारी से शेयर नहीं किए जाते हैं, बल्कि सनसनी पैदा करने के लिए बताए जाते हैं.