हाई बीपी पर नियंत्रण पाकर 2040 तक 46 लाख मौतों को रोक सकता है भारत : डब्ल्यूएचओ

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 20-09-2023
India can prevent 46 lakh deaths by 2040 by controlling high BP: WHO
India can prevent 46 lakh deaths by 2040 by controlling high BP: WHO

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुुसार भारत हाई बीपी की बीमारी पर नियंत्रण पाकर 2040 तक 4.6 मिलियन मौतों को रोक सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के दौरान हाई बीपी के विनाशकारी वैश्विक प्रभाव पर अपनी पहली रिपोर्ट जारी की.

रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में 30-79 वर्ष की आयु के अनुमानित 188.3 मिलियन वयस्क हाई बीपी से पीड़ित हैं. 50 प्रतिशत नियंत्रण दर हासिल करने के लिए, हाई बीपी से पीड़ित 67 मिलियन से अधिक लोगों का प्रभावी ढंग से इलाज करने की आवश्यकता होगी.

कुल 37 प्रतिशत भारतीयों में हाई बीपी की समस्या पाई गई है. पुरुषों में 32 प्रतिशत और महिलाओं में 42 प्रतिशत इस रोग से पीड़ित हैं. कुल पीड़ितों में से 30 प्रतिशत लोगों को ही इलाज मिल पाता है. महिलाओं में 35 प्रतिशत और पुरुषों में 25 प्रतिशत को इलाज का लाभ मिला है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में केवल 15 प्रतिशत लोगों का हाई बीपी नियंत्रण में है (महिलाओं में 19 प्रतिशत और पुरुषों में 11 प्रतिशत).

अनियंत्रित हाई बीपी को दिल का दौरा, स्ट्रोक और समय से पहले मौत का कारण माना जाता है. रिपोर्ट से पता चला है कि देश में हृदय रोगों से होने वाली 52 प्रतिशत मौतों का कारण हाई बीपी हो सकता है.

विश्व स्तर पर हाई बीपी दुनिया भर में तीन वयस्कों में से एक को प्रभावित करता है. हाई बीपी से पीड़ित हर पांच में से चार लोगों का पर्याप्त इलाज नहीं किया जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर देश कवरेज बढ़ा सकते हैं, तो 2023 और 2050 के बीच 76 मिलियन मौतों को रोका जा सकता है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस ने कहा, "हाई बीपी को सरल, कम लागत वाली दवा के साथ प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन हाई बीपी वाले पांच में से केवल एक व्यक्ति ने ही इसे नियंत्रित किया है."

उम्र बढ़ने और जेनेटिक्स कारणों से भी हाई बीपी का खतरा बढ़ सकता है. ज्‍यादा नमक वाला खाना, शारीरिक रूप से सक्रिय न होना और बहुत अधिक शराब पीने जैसे परिवर्तनीय जोखिम भी हाई बीपी के खतरे को बढ़ा सकते हैं.

जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ खाना, तंबाकू छोड़ना और अधिक सक्रिय रहना हाई बीपी को कम करने में मदद कर सकता है.

कुछ लोगों को ऐसी दवाओं की आवश्यकता हो सकती है जो हाई बीपी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकें और संबंधित जटिलताओं को रोक सकें.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हाई बीपी की रोकथाम, शीघ्र पहचान और प्रभावी प्रबंधन स्वास्थ्य देखभाल में सबसे अधिक लागत प्रभावी हस्तक्षेपों में से एक है और इसे प्राथमिक देखभाल स्तर पर पेश किए जाने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य लाभ पैकेज के हिस्से के रूप में देशों द्वारा प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, “हाई बीपी नियंत्रण कार्यक्रम उपेक्षित, कम प्राथमिकता वाले और बेहद कम वित्त पोषित हैं. हाई बीपी नियंत्रण को मजबूत करना हर देश की यात्रा का हिस्सा होना चाहिए."