आवाज द वाॅयस / गांदरबल
सरकारी डिग्री कॉलेज (जीडीसी) गांदरबल के स्वास्थ्य केंद्र ने पारस अस्पताल, श्रीनगर के सहयोग से कॉलेज सभागार में 'मोटापा और अंतःस्रावी विकार' पर एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य मोटापा और अंतःस्रावी विकार जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाना और उनके समाधान को लेकर जागरूकता बढ़ाना था.
कार्यक्रम के उद्देश्य और मुख्य बिंदु
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मोटापे और अंतःस्रावी विकार से जुड़ी समस्याओं पर रोशनी डालना था. इसके साथ ही, उपस्थित लोगों को इन समस्याओं के लक्षणों और संकेतों के बारे में शिक्षित किया गया. मोटापा एक ऐसी स्थिति है जो न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित करती है, और अंतःस्रावी विकार, जैसे डायबिटीज़, थायरॉइड आदि, शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करने वाले हार्मोन पर असर डालते हैं.
स्वास्थ्य कार्यक्रम में इस बात पर जोर दिया गया कि मोटापा और अंतःस्रावी विकार आज के समय में अत्यंत आम हो गए हैं, और यह महत्वपूर्ण है कि लोग इन समस्याओं से निपटने के लिए जागरूक हों. इसके साथ ही, कार्यक्रम में तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर भी चर्चा की गई.दोनों मुद्दे मोटापे और अंतःस्रावी विकारों से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं.
विशेषज्ञों की प्रस्तुतियाँ और चर्चा
इस जागरूकता कार्यक्रम में पारस अस्पताल, श्रीनगर से विशेषज्ञ डॉ. मेहरूसा ने भाग लिया और एक प्रभावशाली प्रस्तुति दी. उन्होंने मोटापे और अंतःस्रावी विकारों से निपटने के विभिन्न तरीकों और उनके लक्षणों की पहचान करने की विधियों पर चर्चा की. उनकी प्रस्तुति ने छात्रों और उपस्थित संकाय सदस्यों को इन स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में गहरी जानकारी दी और उनके समाधान के प्रति जागरूक किया.
कॉलेज की प्रधानाचार्या की बात
जीडीसी गांदरबल की प्रिंसिपल, प्रोफेसर फौजिया फातिमा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और इस तरह के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रमों की महत्ता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कॉलेज भविष्य में भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उनका मानना है कि ऐसे कार्यक्रम न केवल छात्रों के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करेंगे, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करेंगे.
प्रोफेसर फौजिया ने इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि कॉलेज के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए भी इस तरह के कार्यक्रम बेहद आवश्यक हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह कॉलेज के लिए गर्व की बात है कि यहां के छात्र और कर्मचारी इस प्रकार की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.
डॉ. शाहीना अख्तर की भूमिका
कार्यक्रम की संयोजक, डॉ. शाहीना अख्तर, ने अपने परिचयात्मक भाषण में अच्छे स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला और मोटापे और अंतःस्रावी विकारों के खतरों से सावधान रहने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि हम इन विकारों के लक्षणों की समय रहते पहचान करें और उनके समाधान के लिए उचित कदम उठाएं.
डॉ. शाहीना अख्तर ने यह भी बताया कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं. उन्होंने मोटापे और अंतःस्रावी विकारों से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर गहराई से चर्चा की और उपस्थित लोगों को इससे बचने के उपाय बताए.
समापन और सम्मान समारोह
कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और विशेषज्ञों को उनकी भागीदारी के लिए सम्मानित किया गया. उन्हें मोमेंटों भेंट किए गए और उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया गया.यह कार्यक्रम छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए बेहद ज्ञानवर्धक रहा, क्योंकि उन्होंने न केवल मोटापे और अंतःस्रावी विकारों के बारे में सीखा, बल्कि इन समस्याओं से निपटने की रणनीतियों को भी समझा.
छात्रों और संकाय का महत्वपूर्ण कदम
जीडीसी गांदरबल द्वारा आयोजित यह स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, जो उन्हें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने के प्रति जागरूक करता है. कॉलेज भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि छात्रों और कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके.